शिक्षा विभाग ऑनलाइन शिक्षा के दावे कर रहा है, लेकिन पहली से आठवीं के 90 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास इंटरनेट- मोबाइल की सुविधा तक नहीं है, जबकि नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों में से भी आधे भी ग्रामीण इलाकों में इन्हीं मुश्किलों के चलते नियमित कक्षाएं ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में पीईईओ के माध्यम से स्कूलों में पुस्तकें शीघ्र पहुंचाकर विद्यार्थियों के घरों तक पुस्तकें पहुंचाई जानी चाहिए ताकि बच्चे घर पर पढ़ाई कर सके।
पीओ स्तर पर पहुंचानी होगी पुस्तकें-
राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल से हर जिले के डिपो तक पुस्तकें पहुंचाने के बाद अपने स्कूल की किताबें लेने शिक्षकों को स्वयं आना पड़ता था। एक पंचायत से करीब चार शिक्षक आते है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंस को लेकर पीओ स्तर पर ही ट्रक से किताबें पहुंचाई जाएगी, ऐसे में यात्रा-भत्ता व किराए का सरकार का अकेले झालावाड़ जिले में लाखों रूपए बचेगा।
खत्म हो चुका सत्र-
हर बार 15 मई तक शिक्षक-सत्र चलता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मार्च के दूसरे सप्ताह से ही पढ़ाई ओर परीक्षा कार्य बंद हो गया। अगर एक जुलाई से ही सत्र शुरू हुआ, तो तब तक करीब साढ़े तीन महीने तक विद्यार्थी पढ़ाई से दूर रह चुके होंगे। ऐसे में शिक्षाविदों का कहना है कि यह विद्यार्थियों के अध्यापन के लिहाज से ठीक नहीं होगा। इस बार कुछ नई किताबें भी आने से पुरानी किताबों से भी पढ़ाई नहीं कराई जा सकती है। ऐसे में सभी स्कूलों में समय से पुस्तकों का पहुंचाना ज्यादा जरूरी है।
इसबार राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। इन कक्षाओं में इस वर्ष एनसीईआरटी की किताबों का अध्ययन करवाया जाएगा। वहीं पहली से पांचवी व कक्षा10 वीं व 12 का पाठ्यक्रम यथावत रहेगा। ऐसे में जिले में एनसीईआरटी की पुस्तकें जिला संग्रहण केन्द्र पर पहुंच चुकी है। लेकिन लॉकडाउन के चलते इनके वितरण में परेशानी होगी ऐसे में जुलाई तक ही विद्यार्थियों तक पुस्तकें पहुंच सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि इस बार राज्यभर के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1-12वीं तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें देने के लिए स्कूलों व पुस्तक विक्रेताओं से मिली डिमांड के अनुसार करीब 6 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की है। इनमें से 5 करोड़ सरकारी स्कूलों व शेष पुस्तक विक्रेताओं को दी जाएगी।
प्रथम चरण नोडल केन्द्र पर करना होगा वितरण-
कक्षा 1 से 12वीं के छात्रों के लिए पुस्तकों का वितरण प्रथम चरण में 1 से 10 जून तक तथा दूसरे चरण में जून के अंतिम सप्ताह में पंचायत समिति मुख्यालय पर ब्लॉक नोडल विद्यालयों पर किया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा चुकी है। पीईईओ के अधीन आने वाले विद्यालयों में पुस्तकों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पीईईओ की होगी।
फैक्ट फाइल-
– जिले में कक्षा 1-12वीं तक 25 विषयों की किताबें आ चुकी है
– गतवर्ष कक्षा 9-12वीं तक 3,43,222 पुस्तकों का हुआ था वितरण
– इस वर्ष कक्षा 9-12वीं तक 524769 पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण होगा, गत वर्ष से करीब 181547 ज्यादा।
– गत वर्ष कक्षा 1-8 वीं तक 473803 का वितरण हुआ था।
– इस वर्ष कक्षा 1-8वीं तक 6,55659 का वितरण होगा जो गत वर्ष से करीब 181856 ज्यादा है।
– अभी तक 4,01,695 पुस्तकें जिला भंडार गृह पर पहुंच चुकी है।
नया कोर्स आया-
हमारे पास 28 विषय की पुस्तकें पहुंच चुकी है। इस बार कक्षा 6 से 9 व 11 वीं में नया कोर्स आया है। लॉकडाउन ेके चलते इस बार पंचायत समिति स्तर पर ही पुस्तकें पहुंचाई जाएगी। जिला पाठ्यपुस्तक मंडल में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है। पंचायत समिति स्तर पर भी सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा।
तेजबहादूर सिंह हाड़ा, मैनेजर पाठ्यपुस्तक मंडल,झालावाड़।
सुभाष सोनी सहायक निदेशकए माध्यमिक शिक्षा झालावाड़