चारभुजानाथ की परिक्रमा में उमड़े भक्त
श्रीचारभुजा सेवा समिति के तत्वावधान में भगवान चारभुजानाथ मंदिर की 20 वीं परिक्रमा यात्रा रविवार को
रीछवा।श्रीचारभुजा सेवा समिति के तत्वावधान में भगवान चारभुजानाथ मंदिर की 20 वीं परिक्रमा यात्रा रविवार को बैण्डबाजों व भजन मण्डलियों के साथ धूमधाम से निकाली गई।
सेवा समिति के सदस्य विकास कुमार प्रजापति ने बताया की रविवार को प्रात: साढ़े 8 बजे मंगला दर्शन के पश्चात मंदिर परिसर से परिक्रमा यात्रा शुरू हुई। रास्ते में जगह जगह कई लोगों व संगठनों की और से परिक्रमा में शामिल श्रृद्धालूओं पर पुष्पवर्षा कर व अल्पाहार करवाकर स्वागत किया। परिक्रमा में रीछवा के अलावा दीवड़ी, राजपुरा, इकवासा, पीपल्यातालाब, प्रहलादपुरा, सलावद, बड़बड़, नसीराबाद और अन्य गांवों के श्रृद्धालूओं ने बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचे।
महिलाओं में ज्यादा उत्साह, भजन गाए
परिक्रमा में शामिल महिलाएं उत्साह के साथ धार्मिक भजनों पर नाचते गाते व थिरकते हुए चल रही थी। परिक्रमा में महिलाओं व रविवार के चलते स्कूली बच्चों में अधिक उत्साह देखा। यात्रा कस्बे के राधा कृष्ण मंदिर, बस स्टैण्ड, रटलाई रोड, गांधी चौक, रामनगर बस्ती, परिक्रमा मार्ग व बकानी रोड़ से तालाब की पाल पर होते हुए वापस करीब एक बजे मंदिर परिसर में पहुंची।
महाआरती कर प्रसादी का किया वितरण
यात्रा के मंदिर परिसर में पहुंचने पर रीछवा सहकारी समिति अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाठक पिन्टू ने श्रृद्धालूओं पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। परिक्रमा के बाद यहां पर मंदिर में विराजमान भगवान चारभुजानाथ की महाआरती कर प्रसादी का वितरण किया गया। रीछवा सरपंच रामनारायण गुर्जर समेत कई अन्य गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
भण्डारे में प्रसादी पाने उमड़े
श्रीचारभुजा सेवा समिति के अध्यक्ष बृजराज सिंह हाड़ा ने बताया की परिक्रमा समाप्ति के बाद बाहर से आने वाले व यात्रा में शामिल सभी श्रृद्धालुओं के लिए भण्डारे में भोजन प्रसादी की व्यवस्था समिति की और से नि:शुल्क की थी।
‘गुरु की पूजा सर्वश्रेष्ठÓ
भवानीमंडी. शहर के जयपुरिया मिल परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक धु्रव महाराज ने कथा में संगीतमय भजनों पर श्रद्धालुओं को नृत्य करने पर विवश कर दिया।
इस दौरान पूरा पांडाल ही भक्तिमय हो गया। कथा में महाराज ने कहा कि गुरु की पूजा ही सर्वश्रेष्ठ पूजा होती है। इस कारण हम सबको अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। मनुष्य के जीवन में विकास का रास्ता बताने का कार्य गुरु ही करता हैं।
गुरु ही मनुष्य के विकास व उसे संस्कार देकर उसे उत्तम व्यक्ति बनाकर इसे समाज को देता है। जो व्यक्ति अपने गुरु का अनादर एवं तिरस्कार करते है वह निश्चित ही पाप के भागीदार होते हंै।
भागवत सुनना जरूरी
कथा के दौरान महाराज ने कहा कि भागवत कथा का एक बार तो श्रवण करना चाहिए। यही ईश्वर से मिलने का सरल व श्रेष्ठ रास्ता है। इस दौरान पूर्व विधायक मदनलाल वर्मा, सुल्तान सिंह, जिला परिषद सदस्य सुदीप सालेचा, पुखराज जैन और डॉ. विष्णु सेन आदि मौजूद थे।
भागवत कथा की पूर्णाहुति आज होगी
खानपुर. कस्बे के मेला मैदान मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा की सोमवार को पूर्णाहुति की जाएगी। आयोजन समिति के बद्रीलाल शर्मा ने बताया कि सोमवार शाम हवन यज्ञ के साथ कथा की पूर्णाहुति की जाएगी। यहां कथावाचक गोविन्द जाने द्वारा प्रतिदिन 12 से 3 बजे तक कथा का वाचन किया जा रहा है। उनके संगीतमय भजनों पर महिला पुरूष झूम-झूम कर नाच रहे हैं। कथा के दौरान नरसीजी का महिरा, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, कृष्ण सुदामा चरित्र सहित भगवान राम के आदर्शों का वर्णन किया।