जिले में प्राथमिक शिक्षा के स्कूलों में 1404 विद्यार्थियों ने तथा माध्यमिक शिक्षा के निजी स्कूलों के करीब 9786 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में अध्ययन के लिए रुचि दिखाई। जबकि पिछले वर्ष प्राथमिक स्कूलों में 91 हजार, तथा माध्यममिक शिक्षा में 1 लाख 18 ही नामांकन था। जो अब बढ़ गया है।
निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम रहने की बड़ी वजह तीसरी लहर की आशंका भी है। अभिभावक जब तक तीसरी लहर को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है, बच्चे को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं, साथ ही चालू शिक्षा सत्र में अब स्कूल खुलने पर विद्यार्थी को भेजने के बाद तीसरी लहर की वजह से यदि फिर से स्कूल बंद हो गए और पूरा सत्र पिछले सत्र की तरह विद्यार्थी को प्रमोट करने के रुप में गुजरा तो उन पर बिना पढ़ाए स्कूल संचालकों के फीस वसूली करने का डर भी सता रहा है।
कोरोना के कारण फीस जमा नहीं कराने के कारण करीब तीस-चालिस प्रतिशत विद्यार्थियों के अभिभावकों ने निजी स्कूलों से टीसी कटवा कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया है। क्योंकि अभिभावक को आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर के चलते अगर स्कूल बंद हो गए तो फीस जमा कराने का कोई फायदा नहीं होगा।
कोरोना में भी हुई पढ़ाई-
जिले के सरकारी स्कूलों में कोरोना काल में भी विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई हुई है। जबकि कई निजी स्कूलों में फीस लेने के बाद भी सही से पढ़ाई नहीं करवाई गई है। ऐसे में अब अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की तरफ ज्यादा हो रहा है।
– जिले में सैकेंडरी स्कूल- 39
-जिले में सीनयिर सैकेंडरी स्कूल – 319
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल- 1335
-जिले में प्राथमिक निजी स्कूल- 303
– जिले में सीनियर सैकेंडरी निजी स्कूल- 157
– जिले में प्राथमिक शिक्षा में नामांकित विद्यार्थी- 91 हजार
– जिले में सैकेंडरी तक के नामांकित विद्यार्थी- 1 लाख 27 हजार ***** विद्यार्थी
– जिले में नामांकन बढ़ा 11 हजार 90।
पुरूषोत्तम माहेश्वरी, डीईओ, माध्यमिक,झालावाड़।