प्रदेश में बालिका शिक्षा पर अधिक जोर दिया है। उसे लेकर साइकिल व स्कूटी सहित कई योजनाएं भी चलाई जा रही है। इसके बावजूद परिणाम उतना बेहतर नहीं आ रहा है। सारक्षतर के इस अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक के जिन 6500 लोगों का साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। उनमें 30 फीसदी पुरूष व 70 फीसदी महिलाएं शामिल है। जिले की महिला साक्षरता दर 46.13 फीसदी ही जबकि कई अन्य जिलों की 60 से अधिक है।
पढऩा-लिखना अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक के निरक्षरों को साक्षर करने का जिम्मा महज विद्यार्थियों पर नहीं है।उनके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताए सेवानिवृत कर्मचारीए स्काउट गाइडए स्वयं सेवी संस्था के सदस्य भी 10.10 निरीक्षरों को कक्षा लेकर उनको पढऩा.लिखना सिखाएंगे। साक्षर करने वालों को प्रोत्साहन के रूप में प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभारी शिक्षकों को भी नियुक्त किया गया है। अभियान की मॉनिटरिंग के लिए जिलाए ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन किया जा चुका है। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला कलक्टर व सचिव साक्षरता अधिकारी को बनाया गया है।
40 फीसदी से कम है महिला साक्षरता दर-
जिले में 28 ग्राम पंचातयों में 40 फीसदी से भी कम साक्षरता दर है। ऐसे में यहां विभाग को अधिक प्रयास करने की जरूरत है। जिले के झालरापाटन ब्लॉक में 8ए मनोहरथाना ब्लॉक में 20 ग्राम पंचायतों में 40 फीसदी से भी कम महिला साक्षरता दर है। ऐसे में यहां आदर्श कक्षाएं संचालित की जाएगी। इसके तहत महिला वॉलिटीयर टीचर्स को 80 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से दिए जाएंगे। जो कुल 140 घंटे अध्ययन करवाएगी।
ब्लॉक. निरक्षर
मनोहरथाना. 2100
डग. 2100
अकलेरा.1500
भवानीमंडी. 800 फैक्ट फाइल-
.प्रदेश में कुल निरक्षर 4ण्20 लाख
. जिले में कुल निरीक्षकर.6500
. झालावाड़ जिले में महिला साक्षरता दर . 46ण्13
. झालावाड़ जिले में पुरूषा साक्षरता दर.75ण्75
. जिले की कुल साक्षरता दर.61ण्50 प्रतिशत
पीईईओ को बनाया अधिकारी-
इच वन टीच वन के तहत स्वयं सेवकों को निरक्षर लोगों को साक्षर करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सभी पीईईओ को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इसमें कक्षा 9 व 11 वीं के विद्यार्थियों का भी सहयोग लिया जा रहा हैए कि परिवार या पड़ौस के निरीक्षर लोगों को साक्षर करने में मदद करें।
गणपतसिंह सौनगरा, जिला समन्वयक पढऩा-लिखना अभियान, झालावाड़।