झालरापाटन. हठीले हनुमान पशुपतिनाथ सेवादल के तत्वावधान में गुरूपूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा।
सेवादल अध्यक्ष पंडित सुरेश शर्मा ने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर पर 15 जुलाई सुबह 9:15 बजे से सुंदर कांड हनुमान चालिसा पाठ, 16 को सुबह हठीले हनुमान, वीर हनुमान, मंशापूर्ण हनुमान, पशुपतिनाथ महादेव का पंचामृत अभिषेक चोला शृंगार, हवन, प्रसादी वितरण, दिन में महिला मंडल की और से भजन-कीर्तन, ठाकुर साहब, बावड़ी सरकारे, महु दरबार की पूजा, चौला कार्यक्रम होगा। चंद्रग्रहण के कारण शाम 4 बजे से भगवान के पट बंद हो जाएंगे। रात में महिलाओं का भजन-कीर्तन, कार्यकर्ताओं का सुंदरकांड, हनुमान चालिसा, ओम नम: शिवाय पाठ, रात 1 बजे से चंद्रग्रहण प्रारंभ होगा जो सुबह 5 बजे तक रहेगा। 17 की सुबह 6 बजे पशुपतिनाथ के आचार्य विनोद शास्त्री के मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक के बाद हठीले हनुमान, वीर हनुमान, मंशापूर्ण हनुमान का अभिषेक किया जाएगा। सावन मास मेें प्रतिदिन शाम को चंद्रभागा की गंगा आरती की जाएगी।
सुनेल/भवानीमंडी. 17 जुलाई से प्रारंभ होने वाले पवित्र सावन माह में इस बार कई संयोग बन रहे हैं। इस बार 125 सालों बाद हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग है। भगवान शिव के खास दिन माने जाने वाले सोमवार को नागपंचमी है। वहीं सालों बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक ही दिन रहेगा। सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व ही खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।
पं अश्वनी मिश्रा ने बताया कि सावन के शुभारंभ के दिन वज्र और विष कुंभ योग बन रहा है। इस बार 30 दिन का सावन है, जिसमें चार सोमवार आएंगे। तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग है जो विशेष फलदायी होगा। सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व 16 व 17 जुलाई की रात मध्य रात्रि को खंडग्रास चंद्रग्रहण का योग है। यह चंद्रग्रहण समग्र भारत वर्ष में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक पूर्णिमा 16 जुलाई को दोपहर 4.32 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण का स्पर्श 17 जुलाई की रात्रि 1.32 बजे होगा। ग्रहण मध्यकाल 3.1 मिनट व ग्रहण का मोक्ष 4.30 मिनट पर होगा। ग्रहण की समयावधि 2.58 मिनट रहेगी। पंडित सोहन लाल जोशी ने बताया कि यह ग्रहण उत्तराषाढ़ नक्षत्र व धनु राशि में होगा। यह ग्रहण धनु व मकर दो राशियों में हो रहा है। ग्रहण की अवस्था में ध्यान दान का विशेष महत्व है।
हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग
एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर इस बार पंच महायोग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो यह संयोग 125 साल में बन रहा है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरू कुस्या मृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पंाचवा अमृत सिद्धि योग का संयोग है।
19 साल बाद स्वतंत्रता दिवस और राखी एक साथ
देश की आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है। 19 साल पहले 2000 में ऐसा योग बना
था, ज्योतिषयों के अनुसार रात 9 बजे बाद पंचक शुरू होगा इसलिए इससे पूर्व रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने का मुहूर्त श्रेेष्ठ है। इस बार सावन में नागपंचमी 5 अगस्त सोमवार को होकर विशेष योग लेकर आ रही है। 20 साल बाद यह योग बना है। इससे पहले सावन मास में सोमवार को नागपंचमी का संयोग 16 अगस्त 1999 में बना था और आगामी समय में 21 अगस्त 2023 को यह योग फिर बनेगा।