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झालावाड़

Julieflora news..पत्रिका अभियान से प्रेरित हो, झालावाड़ राजकीय कॉलेज परिसर से विलायती बबूल का सफाया

पीजी कॉलेज में जूलीफ्लोरा की जगह छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे

झालावाड़Sep 23, 2021 / 08:22 pm

Ranjeet singh solanki

Julieflora news..पत्रिका अभियान से प्रेरित हो, झालावाड़ राजकीय कॉलेज परिसर से विलायती बबूल का सफाया

Julieflora news..पत्रिका अभियान से प्रेरित हो, झालावाड़ राजकीय कॉलेज परिसर से विलायती बबूल का सफाया

झालावाड़। राजकीय पीजी कॉलेज परिसर लगे विलायती बबूलों (जूलीफ्लोरा )का इन दिनों सफाया किया जा रहा है। आने वाले समय में विलायती बबूल की जगह छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इससे कॉलेज रोड से गुजरने वाले राहगीरों को छाया मिल सकेगी, वहीं कॉलेज की खूबसूरती को भी चार चांद लग सकेंगे। राजस्थान पत्रिका ने पिछले दिनों पीजी कॉलेज परिसर में चारदीवारी के भीतर उगे विलायती बबूलों के कांटे राह चलते लोगों को चूभने तथा कालेज भवन को नुकसान पहुंचने को लेकर चरणबद्ध तरीके से समाचार प्रकाशित किए थे। कॉलेज प्रशासन ने पत्रिका के अभियान से प्रेरित होकर कॉलेज परिसर में उगे विलायती बबूलों को समूल नष्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। विलायती बबूलों को कटवाने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाई गई है। कॉलेज प्रशासन ने वन विभाग से विलायती बबूलों का मूल्यांकन करवाया। विधिक प्रक्रिया के तहत ठेका देकर कटाई का काम शुरू किया है। पिछले तीन-चार दिन से विलायती बबूलों की कटाई का काम चल रहा है। कई सालों से विलायती बबूल लगे होने से यह विशाल दरख्त बन गए थे। इस कारण एक पेड़ की कटाई में ही पूरा दिन लग रहा है। पहले टहनियां की छटाई की जाती है। फिर वुडन कटर मशीन से तना सहित काटा जा रहा है। विलायती बबूल को नष्ट सहित नष्ट करने के लिए तेजाब डाला जाएगा, ताकि जड़े भी खत्म हो जाए। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि परिसर में लगातार पौधारोण किया जा रहा है। कॉलेज में बड़ी संख्या में छायादार पेड़ विकसित हो रहे हैं। विलायती बबूल की जगह भी पांच-छह फीट के छायादार पौधे लगाए जाएंगे, ताकि जल्द ही पनप सके।
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अन्य विभाग भी करें पहल
जहां भी विलायती बबूल उग जाता है, वहां की जमीन को बंजर कर देता है। यह पेड़ अपने आसपास अन्य किसी भी प्रजाति के पेड़-पौधों को पनपने नहीं देता है। इस कारण जिस परिसर में एक भी विलायती बबूल उग गया तो वहां अन्य प्रजाति के पौधें को नष्ट हो जाते हैं और कुछ ही साल में घने जंगल का रूप धारण कर लेता है। कॉलेज प्रशासन ने जिस तरह कॉलेज परिसर में विलायती बबूल को कटवा कर छायादार पेड़-पौधे लगाने का निर्णय किया हैद्ध उस तरह अन्य विभागों को भी पहल करनी चाहिए। ताकि शहर में छायादार पेड़-पौधे अधिक विकसित हो सके। इससे शहर में प्रदूषण भी नियंत्रित रहेगा और शहरवासियों को शुद्ध हवा भी मिल सकेगी। कॉलेज प्रशासन साधुवाद के पात्र है।
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