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झालावाड़

बजरी माफिया के हौंसले बुलंद, अवैध परिवहन रोकने गई पुलिस की गाड़ी पर डम्पर चढ़ाने का प्रयास ?

एसडीएम दूसरी गाड़ी में थे सवार, केस दर्ज

झालावाड़Nov 15, 2019 / 04:43 pm

arun tripathi

बजरी माफिया के हौंसले बुलंद, अवैध परिवहन रोकने गई पुलिस की गाड़ी पर डम्पर चढ़ाने का प्रयास ?

एसडीएम दूसरी गाड़ी में थे सवार, केस दर्ज

भवानीमंडी. बजरी खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हो गए कि रात पुलिस पर डम्पर चढ़ाने का प्रयास करते हुए भाग गया।
उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने बताया कि रात को 12.50 मिनट पर नून हॉस्पिटल के सामने से अवैध बजरी के परिवहन की सूचना मिली। इस पर 1 बजे पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के बाहर लगे बेरिकेट्स के पास जैसे ही डम्पर पहुंचा, तो उसे स्वयं व एसएसआई रोडूलाल ने रोकने का प्रयास किया। इस पर डम्पर चालक ने पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के सामने स्थित पेट्रोल पम्प पर डम्पर को घुमाकर वापस झालावाड़ की तरफ मोड़ लिया और बेरिकेट्स तोड़ता हुआ डम्पर को भगा ले गया।
उसका पुलिस व स्वयं ने अलग-अलग गाड़ी से पीछा किया। पुलिस की गाड़ी ने ओवरटेक करते हुए डम्पर को रोकने का प्रयास किया, इस पर चालक पुलिस की गाड़ी पर डम्पर चढ़ाने का प्रयास करते हुए डम्पर लेकर गरनावद गांव के कच्चे रास्ते की तरफ फरार हो गया। इस पर उपखण्ड अधिकारी के गाड़ी चालक मांगीलाल मीणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई।
-16 किमी तक किया पीछा
अवैध बजरी का परिवहन करने वाले डम्पर का रात को उपखण्ड अधिकारी एवं पुलिस ने 16 किमी तक पीछा किया, लेकिन डम्पर चालक तेज गति में रात का फायदा उठाकर भाग गया।
-लग्जरी गाड़ी से करते हैं रैकी
बजरी के खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अब बजरी माफिया अवैध बजरी के परिवहन करने के लिए कई किमी दूर तक आगे-आगे लग्जरी गाडिय़ों से रैकी करते हैं। रैकी के दौरान पुलिस-प्रशासन की नाकेबंदी की सूचना अवैध खननकर्ताओं एवं डम्पर चालकों को दे देते हैं, इससे वह अपना रास्ता बदलकर बजरी का परिवहन कच्चे रास्तों से करते हैं।
-नहीं हटते तो चढ़ जाता डम्पर
एएसआई रोडू लाल ने बताया कि जब अवैध बजरी से भरे डम्पर को जब आगे जाकर रोकने का प्रयास किया तो चालक ने तेज गति से डम्पर ऊपर चढ़ाने का प्रयास किया। यदि समय रहते पीछे नहीं हटते तो डम्पर हमारे ऊपर चढ़ जाता।
-ऐसे दिया कार्रवाई को अंजाम
उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि मुझे गुप्त रूप से सूचना मिली थी कि स्वयं के सरकारी बंगले के सामने कार में बैठक बजरी माफियाओं द्वारा मेरी रैकी की जा रही है। इस पर मैने आवास की लाइट बंद कर दी। पीछे के गेट से पुलिस उपाधीक्षक के कार्यालय के सामने चाय की दुकान पर बैठकर गाड़ी आने का इंतजार किया। जैसे ही डम्पर एक किमी दूर पहुंचा, मैंने पुलिस को सूचना देकर मौकै पर बुलवा लिया।
-एसडीएम के ड्राइवर ने शाम को रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस पर राजकार्य में बाधा और डम्पर चढ़ाने के प्रयास का केस दर्ज कर लिया है।
महेन्द्र मीणा, सीआई, पुलिस थाना भवानीमंडी
-रात को अवैध बजरी के परिवहन की सूचना मिलने पर पुलिस को मौके पर बुलाकर डम्पर चालक का पीछा कर उसे पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन डम्पर चालकर कच्चे रास्ते से मौके का फायदा उठाकर भाग गया।
राजेश डागा, उपखण्ड अधिकारी, भवानीमंडी
फरियादी ही निकला लूट का मास्टर माइंड, दो साथियों के साथ गिरफ्तार
भवानीमंडी/मिश्रोली. नगर की पुलिस ने सीएसओ कम्पनी ब्रांच भवानीमंडी समूह लोन कर्मचारी के साथ एक माह पूर्व हुई लूट का पर्दाफाश करते हुए लूट के मास्टर मांइड फरीयादी व उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम ने बताया कि 17 अक्टूबर को बारां जिले के छिपाबड़ौद थाना क्षेत्र के गोरधनपुरा गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल ने रिपोर्ट में दर्ज कराया था कि वह 16 अक्टूबर को हरनावदा कुंडया, बानीखेड़ी, पड़ासली व डोरी से समूह लोन का कलेक्शन लेकर लौट रहा था, तभी बाइक गुराडिय़ाकलां गांव में पंचर हो गई। पंचर बनाने के बाद करीब रात को 8 से 9 बजे के बीच जैसे ही वह मिश्रोली के समीप पहुंचा तो दो बाइक सवार युवकों ने बाइक रोककर उससे छिनाझपटी कतरे हुए उससे मोबाइल, बाइक व कलेक्शन के 2 लाख 5 हजार 295 रूपए लेकर फरार हो गए। इस पर वह टोल नाके से दूसरी बाइक पर बैठककर भवानीमंडी पहुंचा। इस पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि फरियादी ने ही प्लान बनाकर अपने दो ओर अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की झूठी घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह, शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व फरीयादी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी।
-ऐसे हुआ खुलासा
फरीयादी द्वारा लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने झालावाड़ सायबर सेल के हैडकांस्टेबल राजेश, कोटा सीटी साइबर सेल के
कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह, भवानीमंडी कांस्टेबल दीपेन्द्र सिंह, अशोक विश्रोई समेत मिश्रोली थाने की टीम गठन कर पड़ताल की। पुलिस ने समूह लोन लेने वाले व्यक्तियों एवं संदिग्धों से पूछताछ की। साथ ही मुखबीर से सूचना मिली की डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह कुछ दिनों से ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं। इस पर विश्वनीय सूत्रों से दोनों अभियुक्तों से जानकारी जुटाई। इसमें सामने आया की ओमप्रकाश ने ही दोनों अभियुक्तों के मार्फत ही गांव में समूह लोन देता है। किश्तों की राशि लेने गांव में आए ओमप्रकाश ने ही लूट की झूठी घटना का प्लान बनाकर उन्हें पीछे आकर गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर किश्तों के रुपए ले जाने व टेबलेट को नदी में बंद करके फेंक देने के लिए कहा था। इस पर 16 अक्टूबर को ओमप्रकाश ने फोन करके दोनों को बुला लिया। स्वयं ने ही मिश्रोली से कुछ दूरी पर बाइक, मोबाइल व रुपए से भरा बैग दे दिया। जिस पर बाइक को उन्होने से रोड से थोड़ी दूसरी पर साइड में खड़ी कर दी और टेबलेट को नदी में फैंक दिया, रुपए लेकर चले गए। अगली बार जब ओमप्रकाश किश्त लेने गांव में आया तो तीनों ने रुपयों का बंटवारा कर लिया।
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