फरियादी ही निकला लूट का मास्टर माइंड, दो साथियों के साथ गिरफ्तार
भवानीमंडी/मिश्रोली. नगर की पुलिस ने सीएसओ कम्पनी ब्रांच भवानीमंडी समूह लोन कर्मचारी के साथ एक माह पूर्व हुई लूट का पर्दाफाश करते हुए लूट के मास्टर मांइड फरीयादी व उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम ने बताया कि 17 अक्टूबर को बारां जिले के छिपाबड़ौद थाना क्षेत्र के गोरधनपुरा गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल ने रिपोर्ट में दर्ज कराया था कि वह 16 अक्टूबर को हरनावदा कुंडया, बानीखेड़ी, पड़ासली व डोरी से समूह लोन का कलेक्शन लेकर लौट रहा था, तभी बाइक गुराडिय़ाकलां गांव में पंचर हो गई। पंचर बनाने के बाद करीब रात को 8 से 9 बजे के बीच जैसे ही वह मिश्रोली के समीप पहुंचा तो दो बाइक सवार युवकों ने बाइक रोककर उससे छिनाझपटी कतरे हुए उससे मोबाइल, बाइक व कलेक्शन के 2 लाख 5 हजार 295 रूपए लेकर फरार हो गए। इस पर वह टोल नाके से दूसरी बाइक पर बैठककर भवानीमंडी पहुंचा। इस पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि फरियादी ने ही प्लान बनाकर अपने दो ओर अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की झूठी घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह, शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व फरीयादी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी।
-ऐसे हुआ खुलासा
फरीयादी द्वारा लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने झालावाड़ सायबर सेल के हैडकांस्टेबल राजेश, कोटा सीटी साइबर सेल के
कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह, भवानीमंडी कांस्टेबल दीपेन्द्र सिंह, अशोक विश्रोई समेत मिश्रोली थाने की टीम गठन कर पड़ताल की। पुलिस ने समूह लोन लेने वाले व्यक्तियों एवं संदिग्धों से पूछताछ की। साथ ही मुखबीर से सूचना मिली की डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह कुछ दिनों से ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं। इस पर विश्वनीय सूत्रों से दोनों अभियुक्तों से जानकारी जुटाई। इसमें सामने आया की ओमप्रकाश ने ही दोनों अभियुक्तों के मार्फत ही गांव में समूह लोन देता है। किश्तों की राशि लेने गांव में आए ओमप्रकाश ने ही लूट की झूठी घटना का प्लान बनाकर उन्हें पीछे आकर गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर किश्तों के रुपए ले जाने व टेबलेट को नदी में बंद करके फेंक देने के लिए कहा था। इस पर 16 अक्टूबर को ओमप्रकाश ने फोन करके दोनों को बुला लिया। स्वयं ने ही मिश्रोली से कुछ दूरी पर बाइक, मोबाइल व रुपए से भरा बैग दे दिया। जिस पर बाइक को उन्होने से रोड से थोड़ी दूसरी पर साइड में खड़ी कर दी और टेबलेट को नदी में फैंक दिया, रुपए लेकर चले गए। अगली बार जब ओमप्रकाश किश्त लेने गांव में आया तो तीनों ने रुपयों का बंटवारा कर लिया।
भवानीमंडी/मिश्रोली. नगर की पुलिस ने सीएसओ कम्पनी ब्रांच भवानीमंडी समूह लोन कर्मचारी के साथ एक माह पूर्व हुई लूट का पर्दाफाश करते हुए लूट के मास्टर मांइड फरीयादी व उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम ने बताया कि 17 अक्टूबर को बारां जिले के छिपाबड़ौद थाना क्षेत्र के गोरधनपुरा गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल ने रिपोर्ट में दर्ज कराया था कि वह 16 अक्टूबर को हरनावदा कुंडया, बानीखेड़ी, पड़ासली व डोरी से समूह लोन का कलेक्शन लेकर लौट रहा था, तभी बाइक गुराडिय़ाकलां गांव में पंचर हो गई। पंचर बनाने के बाद करीब रात को 8 से 9 बजे के बीच जैसे ही वह मिश्रोली के समीप पहुंचा तो दो बाइक सवार युवकों ने बाइक रोककर उससे छिनाझपटी कतरे हुए उससे मोबाइल, बाइक व कलेक्शन के 2 लाख 5 हजार 295 रूपए लेकर फरार हो गए। इस पर वह टोल नाके से दूसरी बाइक पर बैठककर भवानीमंडी पहुंचा। इस पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि फरियादी ने ही प्लान बनाकर अपने दो ओर अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की झूठी घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह, शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व फरीयादी ओमप्रकाश पुत्र रामगोपाल को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी।
-ऐसे हुआ खुलासा
फरीयादी द्वारा लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने झालावाड़ सायबर सेल के हैडकांस्टेबल राजेश, कोटा सीटी साइबर सेल के
कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह, भवानीमंडी कांस्टेबल दीपेन्द्र सिंह, अशोक विश्रोई समेत मिश्रोली थाने की टीम गठन कर पड़ताल की। पुलिस ने समूह लोन लेने वाले व्यक्तियों एवं संदिग्धों से पूछताछ की। साथ ही मुखबीर से सूचना मिली की डग थाना क्षेत्र के पड़ासली गांव निवासी शंकर सिंह पुत्र देवी सिंह व शंकर सिंह पुत्र नाथू सिंह कुछ दिनों से ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं। इस पर विश्वनीय सूत्रों से दोनों अभियुक्तों से जानकारी जुटाई। इसमें सामने आया की ओमप्रकाश ने ही दोनों अभियुक्तों के मार्फत ही गांव में समूह लोन देता है। किश्तों की राशि लेने गांव में आए ओमप्रकाश ने ही लूट की झूठी घटना का प्लान बनाकर उन्हें पीछे आकर गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर किश्तों के रुपए ले जाने व टेबलेट को नदी में बंद करके फेंक देने के लिए कहा था। इस पर 16 अक्टूबर को ओमप्रकाश ने फोन करके दोनों को बुला लिया। स्वयं ने ही मिश्रोली से कुछ दूरी पर बाइक, मोबाइल व रुपए से भरा बैग दे दिया। जिस पर बाइक को उन्होने से रोड से थोड़ी दूसरी पर साइड में खड़ी कर दी और टेबलेट को नदी में फैंक दिया, रुपए लेकर चले गए। अगली बार जब ओमप्रकाश किश्त लेने गांव में आया तो तीनों ने रुपयों का बंटवारा कर लिया।