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झालावाड़

माननीय, जान बचानी है इसलिए एसडीपी किट चाहिए, अभी रक्तवीरों का ही सहारा

 
– रक्तवीरों के सहारे आरडीपी से चला रहे काम

झालावाड़Oct 27, 2021 / 04:37 pm

harisingh gurjar

Honorable, life is to be saved, so SDP kit is needed, now only the hel

माननीय, जान बचानी है इसलिए एसडीपी किट चाहिए, अभी रक्तवीरों का ही सहारा

झालावाड़. जिले में डेंगू रोग की चपेट में आने से कइयों की हालत खराब है।
सामान्य बुखार समझ कई लोग चिकित्सकों के पास देरी से पहुंच रहे हैं। जिससे प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही है। डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते एसआरजी चिकित्सालय में मरीजों की लंबी कतारे लग रही, सभी बेड फुल हो चुके हैं। पिछले साल डेंगू का कहर शांत रहा, लेकिन कोरोना के बाद अब फिर से डेंगू का मच्छर डंक मार रहा है। ऐसे में एसआरजी चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्था औंधे मुंह गिरी हुई है।
लेकिन जिला प्रशासन व चिकित्सा प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
चिकित्सालय में पांच दिन से एसडीपी किट खत्म है। ऐसे में एक एसडीपी चढ़ाने के बदले मरीजों को 4-6 आरडीपी देना मजबूरी बनी हुई है। एसआरजी चिकित्साल में एमपी सहित झालावाड़ के करीब 13 लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है। फिर भी विभाग सजग नजर नहीं आ रहा है। आखिर क्या परेशानी आ रही है कि विभाग किट नहीं मंगवा पा रहा है। समय से डिमांग नहीं देने आदि की खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
डेंगू के इतने मरीज

माह एलाइजा कार्ड
अगस्त 00 25
सितम्बर 244 182
24अक्टूबर 871 88

कुल 1115 300

रक्तवीरों के भरोसो मरीजों की जान-

केस एक-
आरडीपी से चलाया काम-
एमपी के अकालीदीवान निवासी राहुल राठौर ने बताया कि उसका भाई बंटी एसआरजी चिकित्सालय में भर्ती है। उसकी प्लेटलेट्स 5 हजार ही रह गई थी। ऐसे में रक्तदाताओं की मदद से आरडीपी चढ़ाकर काम चलाया गया। अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
केस दो
समूह का जताया आभार-
मरीज ललिता बाई के बहुत कम प्लेटलेट्स रहने से नाक से खून आने लग गया था। ऐसे में रक्तदाता समूह के जय गुप्ता की मदद से कई आरडीपी चढ़ाई गई। समूह के रवि दूबे ने रक्तदान किया। ऐसे में समूह के सभी सदस्यों को मरीज के भाई दुर्गालाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
केस तीन-

मेरा बेटा बच गया
भवानीमंडी निवासी खलीलभाई ने बताया कि उनका एक ही शादाब हुसैन 20 वर्ष है।जिसे डेंगू होने से एसडीपी की बहुत ज्यादा जरुरत थी। लेकिनकिट नहीं होने से नहीं मिल पाई। ऐसे में इमरान, नोशिन मेम, कासिम आदि को मालिक ने फरिश्ते के रुप में भेजा इमरान आदि ने रक्तदान किया, इनकी वजह से मेरा बेटा बच गया। सरकारी अस्पताल में किट आदि की व्यवस्था नहीं होने से बहुत परेशानी आ रही है। यहां एक मशीन की ओर जरुरत है।
अभी आरडीपी से ही काम चला रहे-
डेंगू की जांच को सुबह 8 से रात 8बजे तक हो रही है। किट खत्म है, कंपनी को वालो से जल्द भेजने के लिए बोला है। रोज बात कर रहे हैं। अभी आरडीपी से ही काम चला रहे हैं। ब्लड बैंक के डॉ.सुमीत राठौर को अतिरिक्त शिविर लगाने के लिए बोला है, ताकि आरडीपी में सभी ग्रुप मिल सके।
डॉ.संजय पोरवाल, अधीक्षक, एसआरजी, चिकितसालय, झालावाड़।

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