गंगधार तहसीलदार जतिन दिनकर ने सुबह 8.20 पर उन्हेल में मनरेगा कार्यस्थल चारागाह विकास एवं पौधारोपण कार्य का औचक निरीक्षण किया। जिसमे 35 मनरेगा श्रमिकों में से केवल 2 श्रमिक उपस्थित मिले। जबकि पिछले दिनों में औसत उपस्थिति 20 से अधिक है। सुबह 8.45 बजे उन्हेल में दूसरे कार्यस्थल चारागाह विकास एवं पौधारोपण कार्य का औचक निरीक्षण किया। जिसमें मौके पर 39 मनरेगा श्रमिकों में से केवल 6 श्रमिक उपस्थित मिले। जबकि पिछले दिनों में औसत उपस्थिति 20 से अधिक है। मौके पर छाया की उचित व्यवस्था नहीं पाई गई। इसके लिए मेट को निर्देशित किया गया। सुबह 9.50 बजे ग्राम किटिया में नरेगा साइट ग्रेवल सड़क मय पुलिया निर्माण, भुवानलाल बागरी के खेत से रेलवे नाले तक कार्य का औचक निरीक्षण किया। जिसमे 110 मनरेगा श्रमिकों में से केवल 67 श्रमिक उपस्थित मिले जबकि पिछले दिनों में औसत उपस्थिति 90 से अधिक है। मौके पर छाया की भी उचित व्यवस्था नहीं मिली। इसके लिए भी मेट को निर्देशित किया गया।
कार्यकारी संस्था से कोई नहीं देखने वाला - प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा छुट्टी के दिन भी निरीक्षण किया जा रहा है, जो केवल श्रमिकों की अनुपस्थिति ही लगा सकते है, लेकिन कार्यकारी संस्था से कोई नहीं आ रहा। कार्य की गुणवत्ता और मापदंडों में कितना झमेला हो रहा है ये तकनीकी कार्मिक ही बता सकते हैं। जो शायद मौके पर जाते ही नहीं है। ये तो केवल कुछ ग्राम पंचायतों के कार्यों का हाल है। अन्य ग्राम पंचायतों में कितना गड़बड़झाला हो रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। मनरेगा कार्यो का गंगधार उपखंड अधिकारी और तहसीलदार द्वारा लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। शुक्रवार को गंगधार और बामन देवरिया गांव में, शनिवार को ग्राम पंचायत डोबड़ा में उपखंड अधिकारी को दो तिहाई श्रमिक अनुपस्थित मिले थे।