नई आबकारी नीति में स्पेशल वेंड पूरी तरह से खत्म हो गया है। इसके लिए जमा होने वाली कंपोजिट की पूरी राशि राजकोष में जमा होगी। पहले वेंड फीस की राशि ठेकेदार को मिल जाती थीए जो अब नहीं मिल पाएगी।
हर दुकान को कंपोजिट किया गया हैए यानी अंग्रेजी व देशी एक साथ बिकेगी। ठेकेदार को एक्साइज ड्यूटी के अलावा अंग्रेजी का अतिरिक्त आबकारी शुल्क भी जमा करवाना होगा।तो निश्चित रूप से प्रति दुकानों को मूल्य ज्यादा बढ़ेगा। इसके अलावा पुरानी गारंटी राशि में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से यह भी जमा करवाना होगी।
50 प्रतिशत राजस्थान निर्मित उठानी होगी-
पूर्व में देसी के वार्षिक भराव पेटे 30 प्रतिशत राजस्थान निर्मित व 70 प्रतिशत देशी मदीरा गारंटी थीए लेकिन अब सरकार ने दोनों की गारंटी 50.50 प्रतिशत कर दी। यानी अब राजस्थान निर्मित भी 50 प्रतिशत बेचनी होगी। लोगों को इस लीकर का चस्का लगाने में ठेकेदार को पसीना आएगा। इसकी पूर्ति ठेकेदार अंग्रेजी में महंगी ब्रांड की उठाकर एक्साइज पूरी करेंगे।
. जिले में अब कंपोजिट दुकाने-160
. पंाच चरणो में होगी ई-नीलामी
चरण दुकानें
प्रथम 23 फरवरी36
दूसरा 24 फरवरी 45
तीसरा 25 फरवरी 32
चौथा 26 फरवरी 31
पांचवा 27 फरवरी 16 २३ फरवरी से होगी ई-नीलामी-
नई आबकारी नीति के तहत 12 फरवरी से 22 फरवरी तक पंजीयन किया जाएगा। 23 फरवरी से ई.नीलामी होगी। एक व्यक्ति राज्य में अधिकतम पांव व जिले में 2 ही दुकाने ले सकता है।
डॉ.परमानन्द पाटीदार, जिला आबकारी अधिकारी,झालावाड़।