अभी भी आना जारी है-
शहर में बड़ी मात्रा में अलग-अलग राज्यों या शहरों से लोग जिले की विभिन्न सीमाओं से होते हुए शहर पहुंचने सहित यहां मध्यप्रदेश की ओर भी गुजर रहे हैं। लॉकडाउन ें के चलते काम बंद होने और नौकरी नहीं होने के कारण ज्यादातर रोज के मेहनताने पर काम करने वाले लोग आ रहे हैं। अपने गांव-घर पहुंचने के लिए ये लोग पैदल ही निकले हैं। रास्ते में कोई वाहन मिला तो उसके सहारे ये लोग कुछ समय बैठ गए, फिर पैदल चल दिए। ऐसे में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सर्तक हो गई है। शहर की सीमाओं में पहुंचते ही ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग हो रही है। संदिग्ध पाए जाने पर जिला चिकित्सालय भेजा जा रहा है। हालांकि पलायन कर रहे लोगों से पुलिस अपने-अपने स्थानों पर रूक जाने की अपील कर रही है। वहीं कई जगहों पर प्रवासियों के लिए खाने का इंतजाम भी लोग करते दिख रहे है।
कोटा से आया एक ट्रक बकानी में हुई स्क्रीनिंग-
सोमवार सुबह एक ट्रक कोटा से चलकर बकानी आया था। उसमें करीब एक दर्जन लोग थे, ट्रक बकानी का होने के कारण पुलिस ने बकानी थाने में जाने के लिए बोला। ड्राइवर बकानी थाने में ले गया, वहां बकानी चिकित्सालय की टीम ने सभी लोगों का चेकअप किया। इसके बाद ही सभी लोगों को जाने दिया।
सीकर से पैदल चलकर आए एक मजदूर का परिवार झालावाड़ पहुंचा है। परिवार में महिलाएं व बच्चे भी थे,लेकिन पैदल ही लंबी दूरी तय करने के कारण महिलाओं व बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए। इस परिवार को मनोहरथाना जाना है, लेकिन कोई साधन नहीं होने से बस स्टैंड पर साधन का इंतजार करते रहे। वहीं एक अन्य परिवार जोधपुर से आया है उसे पिड़ावा जाना है, लेकिन उसे भी कोई साधन नहीं मिला है।
टोक जिले से रविवार रात को आए करीब 50 मजदूरों को मामा भांजा पर पहुंचने पर रघुवीर वेलफेयर सोसायटी के पप्पूसरदार, अर्जुन, श्रमण राजपुरोहित, परमवीरसिंह, पवन तानीवाल आदि ने भोजन करवाया गया। इसके बाद उपखंड अधिकारी हरविन्दर सिंह द्वारा मजदूरों की एसआरजी चिकित्सालय में जांच करवाकर रतलाम के लिए रवाना किया।