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झालावाड़

लॉक डाउन पर पलायन भारी, नहीं रुक रहा सिलसिलाा

 
– कोरोना संक्रमण का डर, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रख रहे ध्यान

झालावाड़Mar 31, 2020 / 08:28 pm

harisingh gurjar

Migration on lock-down heavy, no stop

लॉक डाउन पर पलायन भारी, नहीं रुक रहा सिलसिलाा

झालावाड़. कोरोना के चलते इन दिनों शहर से होकर निकल रहे अन्य राज्यों या शहरों से प्रवासियों के आने का सिलसिला चल रहा है। वैसे तो इन लोगों को घरों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एक दिन व्यवस्था कर रोडवेज बसें लगाई थी,लेकिन एक दिन में सभी लोग अपने घरों को नहीं जा पाए है। ऐसे में कई लोगों ने निजी वाहनों से भी मजदूरों को छोड़ा है। लेकिन फिर से वाहनों को बंद करने से जो लोग इधर-उधर फंसे हुए है, उन्हें निराशा हाथ लगी है। ऐसे में अभी कई लोग पैदल चलकर ही अपने घरों को जा रहे हैं। शहर में करीब एक सप्ताह में 500 किलोमीटर चलकर एक परिवार सोमवार को झालावाड़ पहुंचा। शहर में कई स्थानों पर कार्यक्रम हो रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

अभी भी आना जारी है-
शहर में बड़ी मात्रा में अलग-अलग राज्यों या शहरों से लोग जिले की विभिन्न सीमाओं से होते हुए शहर पहुंचने सहित यहां मध्यप्रदेश की ओर भी गुजर रहे हैं। लॉकडाउन ें के चलते काम बंद होने और नौकरी नहीं होने के कारण ज्यादातर रोज के मेहनताने पर काम करने वाले लोग आ रहे हैं। अपने गांव-घर पहुंचने के लिए ये लोग पैदल ही निकले हैं। रास्ते में कोई वाहन मिला तो उसके सहारे ये लोग कुछ समय बैठ गए, फिर पैदल चल दिए। ऐसे में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सर्तक हो गई है। शहर की सीमाओं में पहुंचते ही ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग हो रही है। संदिग्ध पाए जाने पर जिला चिकित्सालय भेजा जा रहा है। हालांकि पलायन कर रहे लोगों से पुलिस अपने-अपने स्थानों पर रूक जाने की अपील कर रही है। वहीं कई जगहों पर प्रवासियों के लिए खाने का इंतजाम भी लोग करते दिख रहे है।

कोटा से आया एक ट्रक बकानी में हुई स्क्रीनिंग-
सोमवार सुबह एक ट्रक कोटा से चलकर बकानी आया था। उसमें करीब एक दर्जन लोग थे, ट्रक बकानी का होने के कारण पुलिस ने बकानी थाने में जाने के लिए बोला। ड्राइवर बकानी थाने में ले गया, वहां बकानी चिकित्सालय की टीम ने सभी लोगों का चेकअप किया। इसके बाद ही सभी लोगों को जाने दिया।
पैर में पड़ गए महिलाओं व बच्चों के छाले-
सीकर से पैदल चलकर आए एक मजदूर का परिवार झालावाड़ पहुंचा है। परिवार में महिलाएं व बच्चे भी थे,लेकिन पैदल ही लंबी दूरी तय करने के कारण महिलाओं व बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए। इस परिवार को मनोहरथाना जाना है, लेकिन कोई साधन नहीं होने से बस स्टैंड पर साधन का इंतजार करते रहे। वहीं एक अन्य परिवार जोधपुर से आया है उसे पिड़ावा जाना है, लेकिन उसे भी कोई साधन नहीं मिला है।
50 मजूदरों को मामा भांजा पर करवाया भोजन-
टोक जिले से रविवार रात को आए करीब 50 मजदूरों को मामा भांजा पर पहुंचने पर रघुवीर वेलफेयर सोसायटी के पप्पूसरदार, अर्जुन, श्रमण राजपुरोहित, परमवीरसिंह, पवन तानीवाल आदि ने भोजन करवाया गया। इसके बाद उपखंड अधिकारी हरविन्दर सिंह द्वारा मजदूरों की एसआरजी चिकित्सालय में जांच करवाकर रतलाम के लिए रवाना किया।
कोरोना को भगाने के लिए बांट रहे मास्क-

कोरोना महामारी का संक्रमण नहीं फैले इस सोच के साथ दुकान बंद होने पर घर के अंदर ही मास्क बनाकर शहर में सब्जी वालों, ठेले आदि को बांट रहे हैं शहर में चिकित्सालय के सामने रहने वाले टेलर राजेन्द्र कुमार। राजेन्द्र ने बताया कि वह अभी तक 450 लोगों को मास्क बंाट चुके हैं। इसमें एसआरजी चिकित्सालय में डायलेसिस यूनिट, स्टोर रूम, एमआरडी सहित सब्जी बेचने वाले व डॉक्टर आदि को दे रहे है। ये मास्क मैं स्वयं कॉटन के कपड़े का बना रहा हॅू इसे अच्छे से धोकर तेज धूप में सूखाकर दूसरे दिन काम में ले सकते हैं। ये हमारे लिए कठिन समय है, लेकिन इसमें हम एक दूसरे का सहयोग कर ही इस कोरोना महामारी को हरा सकते हैं। इस समय मास्क ही एक उपाय है जो संक्रमण फैलने से बचा सकता हैं। ठेले वाले व मजदूर आदि को इतनी जानकारी नहीं होती है उन्हें मास्क देकर इसका प्रयोग करने का तरीका भी समझा रहे हैं।

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