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झालावाड़

शिकार हो सकते है मुकंदरा टाईगर्स

-बिना क्लॉजर के घुम रहे टाईगर्स से ग्रामीण ने दी चेतावनी-गत दिनो से एमटी-4 की लोकेशन पता नही

झालावाड़Oct 14, 2019 / 10:29 am

jitendra jakiy

Mukandra Tigers can be hunted

शिकार हो सकते है मुकंदरा टाईगर्स

शिकार हो सकते है मुकंदरा टाईगर्स
-बिना क्लॉजर के घुम रहे टाईगर्स से ग्रामीण ने दी चेतावनी
-गत दिनो से एमटी-4 की लोकेशन पता नही
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. जिस प्रकार राज्य के रणथम्भौर वन क्षेत्र में बाघ गायब होने का सिलसिला चल रहा है, वहीं अब क्षेत्र में स्थित मुकंदरा हिल्स टाईगर्स रिजर्व पार्क के गागरोन वन क्षेत्र में करीब 10 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बिना क्लोजर के स्वच्छंद घुम रहे टाईगर्स से अब ग्रामीण दहशत से परेशान होकर शिकार करने के मुड़ में है, इन दिनो क्षेत्र में करीब 22 किलोमीटर के क्षेत्र में लगे ढाई दर्जन केमरों में भी वन विभाग को एक टाईगर की लोकेशन भी पता नहीं चल पा रही है। वन विभाग की ओर से मुकंदरा हिल्स टाईगर्स रिजर्व पार्क में मुकंदरा टाईगर-3 मेल और मुकंदरा टाइगर-4 फिमेल को छोड़ा गया था। लेकिन क्षेत्र में क्लोंजर नही बनाया गया और वन विभाग ने आनन फानन में क्षेत्र में टाइगर छोड़ पर इतिश्री कर ली। दरा के निकट वन विभाग की ओर से क्लोजर बनाकर पहले एमटी-1 मेल व एमटी-2 फिमेल छोड़े गए थे। दोनो टाईगर्स सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित है लेकिन विभाग की ओर से बिना क्लोजर निर्माण किए एमटी-3 मेल व एमटी-4 फिमेल को क्षेत्र में छोड़ दिया गया। इससे दोनो स्वच्छंड विचरण कर रहे है। वहीं क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गांव अभी भी विस्थापित नही हो सके है। इससे गांवों में इनकी दहशत रहती है। पत्रिका संवाददाता जितेंद्र जैकी ने मुकंदरा टाईगर्स हिल्स के गांव लक्ष्मीपुरा, नौलाव व गागरोन आदि का दौरा किया तो ग्रामीणों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि गांव के आसपास घुम रहे टाईगर से ग्रामीण दहशत में है। घरों से बाहर निकलना व खेत तक जाना दूभर हो गया है,विशेषकर बच्चों व महिलाओं को शाम होते ही घरों में कैद करना पड़ता है। अक्सर क्षेत्र में टाईगर का आवागमन रहता है। कोई जनहानि नही हो इसके लिए हमने हथियार तैयार कर रखे है अगर टाईगर ने गांव में अब किसी आदमी या पशु पर हमला बोला तो बर्दाश्त नही किया जाएगा। वन विभाग की ओर से ना तो उन्हे मुआवजा देकर अन्य जगह विस्थापित किया जा रहा और ना ही टाईगर से कुछ सुरक्षा के उपाय किए जा रहे है। यहां क्लोजर या सुरक्षा चारदिवारी के निर्माण की सख्त आवश्यकता है। करीब दो माह पहले भी टाईगर-4 ने गागरोन तक आकर एक बछडे का शिकार कर दिया था। लेकिन गांव वालों की वजह से उसे भूखा भागना पड़ा। अगर घटना स्थल पर कोई अकेला ग्रामीण होता तो उस पर हमला हो सकता था।
-भूखे टाईगर्स कर सकते है कुछ भी
मुकंदरा हिल्स टाईगर्स रिजर्व पार्क में दरा के निकट तक तो क्लोजर बना रखा है इसमें एमटी-1 व एमटी -2 छोड रखे है दोनो टाईगर वन विभाग की देखरेख में है व उनके खाने पीने की व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्था सुचारु चल रही है लेकिन बिना क्लोजर के क्षेत्र में विचरण कर रहे एमटी-3 और एमटी-4 स्वच्छंद विचरण कर रहे है व खाने के लिए अपने हिसाब से शिकार करने का मजबूर है। कई बार पालतु पशुओं का शिकार करने के बाद सूचना मिलते ही ग्रामीण आ जाते है व टाईगर को बिना भोजन किए भागना पड़ता है इससे वह कभी भी आम आदमी पर भी हमला कर सकता है।
-पता नही कहां गई एमटी-4
वन विभाग के क्षेत्र में एमटी-4 बाघिन को सूत्रों के अनुसार 8 अक्टूबर को ट्रेस किया गया लेकिन उसके बाद अभी तक उसकी पूरी तरह लोकेशन नही मिल पा रही है। सूत्रों का कहना है कि एमटी-4 कई बार क्लोजर तक पहुंच जाती है इसको भी ट्रेस किया गया था। लेकिन इतने दिनों तक फिलहाल उसका पता पही चल पा रहा है। इसको लेकर वन विभाग भी गम्भीर नजर नही आता, इस दौरान अगर उचित सुरक्षा व्यवस्था नही की गई तो कोई भी अनहोनी हो सकती है।
-सूचना भेज रखी है
इस सम्बंध में वन विभाग के गागरोन मंडल वन अधिकारी राजेंद्र विजय ने बताया कि फिलहाल एमटी-3 व एमटी-4 के लिए क्लोजर नही बनाया जा सका। क्षेत्र में एमटी-3 व एमटी-4 विचरण कर रहे हे। एमटी-4 की गत दिनों से लोकेशन नही मिल पा रही है। क्लोजर व ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए हमने उच्चाधिकारी को सूचना भेज रखी है। सुरक्षा के लिए क्लोजर व चारदिवारी के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज रखे है, शीघ्र ही सुरक्षा के उपाय किए जा सकेगें।

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