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मुकुन्दरा की अनदेखी, दूसरा वर्ष भी रहा खाली

locationझालावाड़Published: Feb 21, 2020 08:17:25 pm

Submitted by:

harisingh gurjar

 
राजस्थान बजट 2020-21….

कृषि के दम भरी उड़ान, उद्योग ने लगाए ब्रेक

कृषि के दम भरी उड़ान, उद्योग ने लगाए ब्रेक

झालावाड़.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के रुप में राजस्थान सरकार का दूसरा बजट गुरुवार को पेश किया। हर बार बजट से आम जनता को बहुत उम्मीदें होती है। लेकिन इस बार भी जिले के लोगों को बहुत कुछ नहीं मिला है। लेकिन हां जिले में सड़क, उपजमंडी व कस्तूरबा गांधी विद्यालय के लिए जरुर बजट में जिक्र किया गया है। लेकिन जिले में मुकुन्दरा, मेडिकल कॉलेज व कैंसर चिकित्सालय जैसे कई कामों के लिए जिले के लोगों को उम्मीद थी, लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
मुकुन्दरा के लिए नहीं दिया बजट, पर्यटक प्रशिक्षण की जरुर की बात
शहर के लिए बजट में अलग से तो कुछ नहीं मिला, लेकिन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 5000 लोगों को प्रशिक्षण देने की बात कही गई है, ऐसे में जिले के युवाओंं को भी प्रशिक्षण से मुकुन्दरा में गाइड की नौकरी मिलने की उम्मीद जगी…..लेकिन विश्वविख्यात गागरोन दुर्ग व टाइगर रिजर्व मुकुन्दरा के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए थे..

फैमिली बजट…हमारी फैमिली पर बजट का असर
1.हर बार अश्वासन दिया जाता है, लेकिन संविदा कर्मचारियो को स्थाई नहीं किया जाता है, इस बजट में भी ऐसा ही हुआ।
चेतना संविदाकर्मी

2.बाजार में हर चीज के दाम बढ़ रहा है। गृहिणियों का बजट बिगड़ा हुआ है।
कृष्णादेवी- गृहिणी
3.जिले में कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। लेकिन समायोजित बजट है। बेरोजगारों के लिए विशेष घोषणा नहीं की गई।
वीरेन्द्र मित्तल, एकाउटेंट

4.बजट में जिले के लिए कोई विशेष काम नहीं हुआ है। जिले में मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व, मेडिकल कॉलेज व बेरोजगारों के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं हुई है।
विपिन गुप्ता, शिवराजसिंह गुर्जर निदेशक
5.प्रदेश में निरोगी राजस्थान के लिए 1 हजार करोड़ का बजट दिया गया है, लेकिन जिले में कैंसर अस्पताल सहित कई क्षेत्रों में बजट की जरुरत थी, वो नहीं मिला।

ऐसे दी बजट पर लोगों ने प्रतिकियाएं…..

1.जिले में उच्च शिक्षा के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। जबकि जिले के महाविद्यालयों में संसाधनों के लिए बजट की काफी जरुरत है।
नेहा चौधरी, छात्रा
2.छात्रों को उच्च में बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर खोलने का वादा स्वागत योग्य है। लेकिन ये कोटा संभाग में भी होना चाहिए। तभी विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
शिवानी श्रीवास्तव, छात्रा।

3.रीट भर्ती की घोषणा की संभावना थी, लेकिन अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है। बेरोजगार नौकरी के लिए बड़ी घोषणा का इंतजार कर रहे है। जो नहीं हुई।
मीना सुमन, बेरोजगार
4.गृहिणियों के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। और महिला सुरक्षा की बात होती है, लेकिन इसके लिए बजट आदि नहीं दिया, कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं है। जिले में सीसीटीवी लगने थे, लेकिन आज तक नहीं लग पाए।
गुंजन खंडेलवाल, गृहिणी
5.जिले में उच्च की स्थिती बदहाल है। बजट में ऑडिटोरियम आदि के लिए बजट की उम्मीद थी, लेकिन नहीं मिला।
अरविन्द, युवा।

6.कॉलेज शिक्षकों की प्रदेश में काफी कमी है। बजट में घोषणा करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। कॉलेजों के लिए बजट आवंटन कर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए।
डॉ. दीपेश यादव, युवा ।
7.शिक्षा के लिए बजट में राशि स्वीकृत की गई है जो स्वागतयोग्य है।अतिरिक्त संकाय एवं विषय खोलने की घोषणा से पद स्वीकृत होंगे बेरोजगारों को लाभ मिलेगा। हिन्दी व अंग्रेजी अनिवार्य विषय के लिए व्याख्याता की घोषणा होती तो बेरोजगारों को लाभ होता। कर्मचारी के लिए 5 फीसदी डीए की घोषणा स्वागत योग्य है।
सुभाष श्रोत्रिय, शिक्षक
8.सरकार का उत्पादन निगम के थर्मल प्लांट में सौलर प्लांट लगाने की घोषणा स्वागत योग्य है हमारी एसोसिएशन की तरफ से इसकी मांग की गई थी।परंपरागम ऊर्जा स्त्रोत से बड़ा फायदा होगा। लेकिन झालावाड़ जिले में भी 4 इकाई ओर स्थापित होनी थी, जिसकी जगह अभी खाली पड़ी हुई है।
रामेश्वर गुर्जर, इंजीनियर।
9.राज्य सरकार का बजट बैंलेंस बजट है। सरकार सौलर पर छूट देगी तो किसानों को फायदा होगा। कृषि से संबंधित एग्रो प्रोसेसिंग का जिक्र नहीं किया गया है। आने वाले समय में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना होगा।
अतुलसिंह झाला, किसान।
10.झालावाड़.बजट में महिलाओं सुरक्षा के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात तो खूब हो रही है। लेकिन बजट में कोई विशेष बजट की घोषणा नहीं की गई है। हां झालावाड़ जिले के खानपुर में जरुर कस्तूरबा गांधी विद्यालय की घोषणा हुई है। इससे इस ब्लॉक में बालिकाओं को जरुर अच्छी शिक्षा मुहैया हो पाएगी।
मिनाक्षी सोनी, प्रिंसीपल।

एक्पर्ट व्यू….
गहलोत सरकार का बजट जमीनी हकीकत से ऊपर….
शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीब, किसान, पानी,बिजली, रोजगार किसी के लिए बजट पर्याप्त नहीं है। बजट में जिले की उपेक्षा की गई है। निरोगी राजस्थान के तहत 100 करोड़ की घोषणा कम है। जिले में गतवर्ष बाढ़ को देखते हुए कम है। चिकित्सालय व मेडिकल कॉलेज में दवाईयां एवं उपकरणों का अभाव है, बीमारियों की रोकथाम के लिए बजट में स्पष्ट प्रावधान नहीं है। झालावाड़ में कैंसर अस्पताल एवं नायपर के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उच्च शिक्षा के लिए बजट में आईटीआई के लिए संभावनाएं थी, उस पर सरका ने विचार नहीं किया। उच्च शिक्षा के लिए कोचिंग आदि के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया।स्कूलों में बच्चों कयी पढ़ाई के लिए ई-डिजिटल प्लेटफार्म नहीं है।आधुनिक शिक्षा के लिए बजट में क्या प्रावधान होगा यह स्पष्ट नहीं किया गया है।राज्य सरकार की सिंगल विंडो स्कीम सिर्फ खानापूर्ति है। सिर्फ रजिस्ट्रेशन के बाद वित्तीय सुविधाएं, छूट, जमीन आवंटन की प्रकियांए सरल नहीं है। उद्योगों के लिए डीजल व पट्रोल वेट दर में कम करने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। बजट में स्टार्टअप के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। किसानों को ऋण माफी के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। पश्चिमी राजस्थान में किसानों की फसले टिड्डियों ने चौपट कर दी उसके विशेष पैकेज की घोषणा नहीं हुई है। किसानों को लाइट कनेक्शन की घोषणा करनी चाहिए थी। झालावाड़ जिले में संतरा, धनिया आदि फसल आधारित उद्योग काबजट में समावेश किया जाना चाहिए था। महिला एवं बालिका अपराध को राकने के लिए बजट में प्रावधान होने चाहिए थे, वही नहीं हो पाए है। जिले में बंद पडी आरटीडीसी होटलों को चालू कर पर्यटक सर्किट का विकास के लिए बजट जारी किया जानाचाहिए था, जो नहीं किया तथा मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए बजट जारी किया जाना चाहिए था। जो नहीं किया। वहीं बजली की बढ़ी हुई दरों को कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। इससे प्रदेश के लोगों पर अधिक भार पड़ेगा। बजट सामान्य है।
दिनेश बोहरा, सीए
एक्सपर्ट व्यू…..
झालावाड़. बजट में व्यावसायिक क्षेत्र के लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। ज्यादातर बजट बड़े शहर जयपुर व जोधपुर के लिए जारी किया गया है।अन्य छोटे जिलों के लिए व्यक्तिगत रुप से कोई बजट जारी नहीं किया गया है। पूराना बजट आया था उसका 60 फीसदी बजट आया है। शेष 40 फीसदी नहीं आया है। चिकित्सालय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों के लिए बजट दिया गया है, लेकिन शेष चिकित्सालयों जैसे झालरापाटन, सुनेल आदि क्षेत्रों के लिए बजट की जरुरत होती है उसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। डीएससी दर कम की गई है, लेकिन रजिस्ट्री एक फीसदी बढ़ा दी गई है। इससे जनता पर भार पड़ेगा। शिक्षा पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया है। किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, कई क्षेत्र ऐसे है जिसका उपयोग नहीं हुआ है। सभी क्षेत्रों को समायोजित करते हुए व्यक्तिगत बजट जारी करना चाहिए था। वह नहीं किया गया है। बच्चों के लिए एक दिन बेग फ्री कर एक दिन का अवकाश ओर बढ़ा दिया ऐसे में साल में 52 दिन का अवकाश ओर हो जाएगा। सार्वजनिक निर्माण विभाग को जरा सा बजट दिया गया है। बजट में किसी भी बिन्दू को स्पष्ट नहीं किया गया है।
गिरिश शर्मा, सीए,झालावाड़

ये मिला जिलो को बजट में:-
– प्रदेश में 44 नई स्वतंत्र मंडियों में जिले में पिड़ावा, डग, मनोहरथाना में स्वतंत्र मंडियां घोषित की गई है।

– कुसुम योजना के तहत सौलर ऊर्जा पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
– जिन क्षेत्रों में स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल नहीं है वहां मॉडल स्कूल खोलने की घोषणा की गई हैऐसे में जिले में वंचित ब्लॉक को इसका लाभ मिलेगा।

-खानपुर ब्लॉक में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
– जिले के अकलेरा कस्बे में 220 केवी जीएसएस बनाया जाएगा। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।
– झालावाड़ के सुलिया -सुनेल, पिड़ावा से मध्यप्रेदश की सीमा सोयत तक 10 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण करवाया जाएगा।
-13 जिलों के साथ झालावाड़ जिले को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना सिंचाई एंव जलदाय के साथ शामिल किया गया है। इसके लिए 37 हजार 247 करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया है।
-14 जिलों के साथ झालावाड़ में भी शहीद स्मारक बनवाया जाएगा। इसके लिए 2 करोड़ 80 लाख का निर्माण करवाया जाएगा।

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