7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टीबी रोगियों को सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रही है दवाएं, मरीज हैं परेशान, जानें मरीजों के डराने वाले आंकड़े

Rajasthan News : राजस्थान में टीबी रोगियों को सरकारी अस्पतालों में दवा तक नहीं मिल रही है। देश और प्रदेश को टीबी से मुक्त करने के लिए वर्ष 2018 में टीबी मुक्त भारत अभियान का आगाज हुआ था, लेकिन टीबी मुक्ति फिलहाल कोसों दूर है।

3 min read
Google source verification
Rajasthan TB patients

Jhalawar News : देश और प्रदेश को टीबी से मुक्त करने के लिए वर्ष 2018 में टीबी मुक्त भारत अभियान का आगाज हुआ था। उस समय को पूरा होने में अब करीब डेढ़ साल ही शेष है लेकिन टीबी मुक्ति फिलहाल कोसों दूर है।

टीबी रोगियों को सरकारी अस्पतालों में दवा तक नहीं मिल रही है। ऐसे में जिन लोगों के दवा चल रही थी, उनमें से भी कई दवा छोड़ चुके है। ऐसे में उनके फिर से दवा शुरू करने पर करीब छह माह का पूरा कोर्स लेना होगा।

राज्य में एक जनवरी से अब तक 62 हजार से अधिक टीबी के रोगी चिह्नित हो चुके हैं। पिछले साल एक जनवरी 2023 से 31 दिसम्बर तक 1 लाख 64 हजार से अधिक मरीज थे। इनमें से कई मरीजों के अभी तक टीबी की दवा का कोर्स पूरा नहीं हुआ है।

राज्य के चिकित्सा संस्थानों में टीबी की दवा नहीं होने पर एक आदेश जारी किया गया था। जिसके तहत चिकित्साधिकारी को ओपीडी पर्ची पर टीबी की दवा मुख्य निक्षय आइडी, हस्ताक्षर व मोहर लगाकर दी जानी है। इस पर्ची से मरीज दवा बाहर से खरीदकर बिल के साथ अपनी बैंक खाता संया आदि की जानकारी के साथ चिकित्सा संस्थान में जमा करवा सकते हैं। इसके बाद मरीज को उस राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। इसमें समस्या यह है कि चिकित्सक दस दिन की ही दवा लिख सकते हैं पर मरीजों को इसकी जानकारी नहीं है।

जिलों के सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या

जिला - सरकारी - निजी

झालावाड़ - 1152 - 390

चित्तौडगढ़ - 981 - 158

भीलवाड़ा - 1358 - 956

प्रतापगढ़ - 573 - 21

बांसवाड़ा - 1445 - 206

डूंगरपुर - 1153 - 200

राजसमंद - 747 - 210

उदयपुर - 2795 - 1318

अजमेर - 2256 - 450

अलवर - 2315 - 2253

बारां - 717 - 286

बाड़मेर - 586 - 72

भरतपुर - 1447 - 381

बीकानेर - 1605 - 703

बूंदी - 805 - 244

चूरू - 916 - 105

दौसा - 972 - 103

धौलपुर - 1101 - 357

गंगानगर - 1255 - 645

हनुमानगढ़ - 1345 - 381

जयपुर प्रथम - 4577 - 1422

जयपुर द्वितीय - 1627 - 1442

जैसलमेर - 174 - 7

जालोर - 824 - 440

झुंझुनूं - 735 - 334

जोधपुर - 2301 - 896

करौली - 1471 - 425

कोटा - 1795 - 980

नागौर - 1203 - 344

पाली - 923 - 221

समाधोपुर - 86 - 372

सीकर - 1249 - 673

सिरोही - 494 - 210

टोंक - 1198 - 136

कुल - 45081 - 17641

जिले में ब्लाकवार टीबी मरीज

बकानी 41

डग 75

झालरापाटन 239

झालावाड़ डीटीसी 867

खानपुर 35

मनोहरथाना 216

सुनेल 69

इन दवाओं की नहीं हो रही आपूर्ति

अस्पतालों में रिफापीसिन, इथामबुटोव, पाइटाजिनामाइड, आइजोनिजाइड साल्ट की दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में टीबी मरीजों को बाहर से लेने में दिक्कत हो रही है। कई गरीब तबके के मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। टीबी के मरीज को छह माह तक लगातार दवा लेनी होती है। उसे छोड़ना नहीं चाहिए। यदि किसी कारण से दवा छूट गई है तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर वापस शुरू करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बीमारी बढ़ सकती है।

टीबी के मरीजों के लिए दवाई नियमित रूप से खरीद रहे हैं। अपने जिले में कमी नहीं है। लोकल स्तर पर टैंडर कर दवाई खरीद रहे हैं। बीच में कमी आ गई थी। तो सरकार की ओर से एक लैटर जारी कर कहा गया था कि अपने स्तर पर खरीद कर लें बिल पास कर देंगे।

- डॉ.मुकेश बंसल, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी, झालावाड़

यह भी पढ़ें :

लोकसभा नतीजों के बाद राजस्थान में लागू हुआ CAA, इतनी संख्या में लोग बने ‘भारतीय’


बड़ी खबरें

View All

झालावाड़

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग