– सदस्य बनने वाली महिला व बालिका संबंधित थाना क्षेत्र की निवासी हो।
– सदस्य की आयु 15 से 70 वर्ष के बीच हो।
– सदस्य बनने वाली बालिका व महिला का किसी तरह का आपराधिक रेकॉर्ड न हो और न ही किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि में लिप्त हो।
सुरक्षा सखी का मुख्य काम महिलाओं- बालिकाओं और पुलिस के बीच संवाद स्थापित कर दूरी को कम करने का प्रयास, किसी अप्रिय व्यवहार एवं घटनाओं तथा छेड़छाड़, दुव्र्यहार के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित करना, महिलाओं-बालिकाओं की समस्याओं की जानकारी कर पुलिस के साथ मिलकर समाधान कराना। संदिग्ध व्यक्तियों के आवागमन, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडऩ, बाल-विवाह,गुमशुदा बच्चियों, मादक पदार्थों के सेवन और स्कूल-कॉलेज में किसी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों से पुलिस को अवगत कराना है।
– सुरक्षा सखी की खुली सदस्यता होगी जिसमें कोई भी इच्छुक महिला-बालिका सदस्य बन सकेगी।
– प्रत्येक वर्ग, धर्म, जाति व समुदाय की महिलाओं व बालिकाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
– आशा सहयोगिनी, एएनएम, जीएनएम एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन एवं विभिन्न सरकारी विभागों की महिलाओं जैसे शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, समाज कल्याण विभाग, विद्युत जलदाय, एवं राजस्व आदि की भी सुरक्षा सखी के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।
– महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र योजना के तहत प्रशिक्षित बच्चियों व महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
महिला सखी सखी योजना को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैएजिले के सभी 27 थानों में योजना शीघ्र लागू की जाएगी इसके माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा संबंधी कार्य किए जाएंगे! इसकी हर माह समीक्षा बैठक आयोजित कर मॉनिटरिंग की जाएगी! हर थाना स्तर पर एसएचओ इसमें कार्य करेंगे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं समूह में सदस्य बनाई जाएगी!
राजेश यादव, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक झालावाड़