scriptहर माह तीन नाबालिगों से हो रही दरिंदगी बढ़ रहे यौन हिंसा का मामले | Three minors are being tortured every month Increasing sexual violence | Patrika News
झालावाड़

हर माह तीन नाबालिगों से हो रही दरिंदगी बढ़ रहे यौन हिंसा का मामले

-जिले में 67 नाबालिग बालिकाओं के साथ हुई घटनाएं

झालावाड़Dec 03, 2019 / 11:13 am

harisingh gurjar

 Three minors are being tortured every month Increasing sexual violence

-जिले में 67 नाबालिग बालिकाओं के साथ हुई घटनाएं

झालावाड़. हैदराबाद और फिर टोंक जिले में दरिंदगी से आमजन में आक्रोश है। जिले में दो साल में 67 नाबालिग बच्चियों को दरिंदगी का सामना करना पड़ा है तो प्रदेश में पांच साल में करीब 9 हजार से अधिक बालिकाएं यौन हिंसा की शिकार हुई हैं। जिले में भी बीते एक साल में तीन नाबालिग बालिकाओं को मौत के घाट उतारा जा चुका है। एक सप्ताह पहले एक बाप ने अपनी ही बेटी को दरिंदगी का शिकार बनाया, लेकिन समय रहते पता चलने से उसकी जान बच गई। महिला सुरक्षा के कागजी दावों और पुलिस के कमजोर इकबाल के चलते ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं।
केस एक
झालावाड़ शहर के निकट कोतवाली थाना क्षेत्र में आठ वर्षीय बालिका की बलात्कार के बाद पड़ौसी ने ही गला दबाकर हत्या कर दी थी।

केस दो-
जिले के मनोहरथाना क्षेत्र में कामखेड़ा थाना क्षेत्र में गांव के ही दरिंदे ने सात वर्षीय बालिका की बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी।
केस तीन-
जिले के पगारिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। पवित्र रिश्ते को किया दागदार
सदर थाना क्षेत्र में गत दिनों एक गांव में एक पिता ने आठ वर्षीय बालिका का बलात्कार कर पिता-पुत्री के रिश्ते को तार-तार कर दिया है।
ये हाल है
जिले में यौन हिंसा के आंकड़े भी डराने वाले हैं। जिले में दो साल में तीन हत्याएं हुई हैं और औसतन हर माह 3 मामले बलात्कार के सामने आए हैं। 2018 में 33 व 2019 में 34 मामले नाबालिगों के साथ बलात्कार के दर्ज हुए। प्रदेश में वर्ष 2014 से 2019 तक नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा के करीब 9405 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इन प्रकरणों में से 7535 प्रकरणों में चालान पेश किए जा चुके हैं, इनमें से 504 प्रकरणों में अनुसंधान लंबित है।
पांच साल में हाड़ौती में दर्ज मामले
कोटा ग्रामीण- 342
बारां- 320
बूंदी-192
कोटा शहर-169
झालावाड़-167


ऐसे किए जा रहे प्रयास फिर भी हो रहे केस-
प्रदेश में बच्चियों के साथ अत्याचार की घटनाओं के प्रकरणों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए इन प्रकरणों को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को केस ऑफिसर नियुक्त कर शीघ्र अभियोजन की कार्रवाई की जाती है। राज्य सरकार की ओर से बच्चियों के साथ अत्याचार की घटनाओं के प्रकरणों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए प्रदेश में करीब 55 पोक्सो कोर्ट खोले जा चुके हैं। इसके बाद भी लंबित प्रकरणों में कमी नहीं आ रही है।
समीक्षा करते हैं उच्चाधिकारी
नाबालिग बालिकाओं के मामले की समीक्षा व मॉनिटरिंग के लिए पुलिस मुख्यालय में सिविल राइट्स शाखा कार्यरत है। इसके प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्तर के है।

सामाजिक स्तर पर जागरूकता जरूरी-
वीभत्स मानसिकता के लोग ऐसी वारदातें करते हैं। ऐसे मामलों में सामाजिक स्तर पर जागरूकता व चेतना की बहुत जरूरत है। पुलिस तो अपना काम करती है, लेकिन पड़ोसी, रिश्तेदार की हरकतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि निर्भया कांड के बाद फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन सामाजिक स्तर पर चेतना बहुत जरूरी है।
राममूर्ति जोशी, जिला पुलिस अधीक्षक, झालावाड़

Home / Jhalawar / हर माह तीन नाबालिगों से हो रही दरिंदगी बढ़ रहे यौन हिंसा का मामले

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो