मुख, स्तन और फेफड़ों के कैंसर की प्राथमिक स्तर पर पहचान का ये है खास तरीका
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की प्रोफेसर ने दी नई-नई रिसर्च के बारे में जानकारी
झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में कार्यशाला में उपस्थित अतिथि।
झांसी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जैव भौतिकी विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा डे ने ‘कैंसर रोग की पहचान में बायो मार्कर की भूमिका’ के बारे में बताया। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि बायो मार्कर के कारण स्तन कैंसर, मुख कैंसर तथा फेफड़ों के कैंसर की पहचान प्राथमिक स्तर पर ही करके उसका उपचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस विधि में मरीज के रक्त में प्रोटीन के आधार कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने नई-नई रिसर्च के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पेप्टिाईट आधारित औषधियों पर शोध कार्य अन्तिम चरण में है। वह यहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में जैव रसायन संस्थान के तत्वावधान में आयोजित ‘स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं कृषि क्षेत्र में बायोकेमिस्ट्री की भूमिका’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रही थीं।
जैव रसायन के बिना इन क्षेत्रों में विकास संभव नहीं
इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने कहा कि जैव रसायन विकास की एक महत्वपूर्ण धुरी है। जैव रसायन के बिना स्वास्थ्य, चिकित्सा विज्ञान तथा कृषि क्षेत्र में विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में खेती योग्य भूमि निरतंर घटती जा रही है, जबकि देश की जनसंख्या निरन्तर बढ़ती ही जा रही है। आज वर्तमान परिदृश्य में देश की बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए जैव रसायन ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इन्होंने भी विचार व्यक्त किए
कार्यशाला की मुख्य अतिथि के रूप में तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के पूर्व कुलपति प्रो आर एस दुबे मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जैव रसायन का उपयोग खाद्यान्न उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण, नदियों की सफाई आदि में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो एच पी पांडेय रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो एस के कटियार ने स्वागत भाषण देकर अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।
ये लोग रहे उपस्थित
कार्यशाला में आयोजन सचिव डा रमेश कुमार, संकायाध्यक्ष प्रो सी बी सिंह, डा गुरमीत कौर त्रिपाठी, डा अंकता जैस्मिन लाल, प्रो वीके सहगल, डा रामवीर सिंह, डा एसके जैन, डा सर्वेन्द्र सिंह, डा बलबीर सिंह, डा अंकित श्रीवास्तव, डा वी एस चौहान, डा भानुमति सिंह, डा जोंस मैथ्यू, डा शाईमा कलीम, डा सुमिरन श्रीवास्तव, डा अंजलि सक्सेना, डा संजय सिंह, डा हेमन्त कुमार, डा बालेन्दु सिंह, डा आर डी कुदेशिया, डा संतोष पांडेय सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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