झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की छह मार्च से होने वाली परीक्षाओं के मद्देनजर व्यवस्थाएं चौकस की गई है। इस बार इन परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव किया गया कि अब परीक्षाएं तीन के बजाए दो ही पालियों में होंगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय की ओर से नकल विहीन परीक्षाएं कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इसके बावजूद किसी महाविद्यालय में गड़बड़ी मिलने पर उसकी विश्वविद्यालय से संबद्धता को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह जानकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुरेंद्र दुबे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
ये की गई हैं व्यवस्थाएं
– प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये शासनादेश के मुताबिक गठित समिति द्वारा परीक्षा केन्द्रों में परिवर्तन और निर्धारण किया गया है। परीक्षा समिति द्वारा परीक्षा केन्द्रों को अन्तिम रूप दिया गया है।
– नकलविहीन, शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के सम्बन्ध में सभी जिलों में अधिकारियों के साथ बैठकें करके कानून-व्यवस्था बनाए रखने की व्यवस्था की गई है।
– परीक्षा केन्द्रों पर कक्ष निरीक्षकों की कमी को दूर करने हेतु प्राचार्यों के अनुरोध पर कक्ष निरीक्षक उपलब्ध कराने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक/बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया है। इस संदर्भ में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी का भी सक्रिय सहयोग मिल रहा है।
– परीक्षा हेतु कुलसचिव सी पी तिवारी को झांसी मण्डल तथा उपकुलसचिव राकेश कुमार को चित्रकूट मण्डल का मण्डल प्रभारी बनाया गया है।
– केवल छात्राओं को ही स्वकेन्द्र की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है किन्तु जहां विगत वर्षों 2015, 2016 एवं 2017 में सामूहिक नकल की रिपोर्ट थी उन आरोपी महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है। ऐसे महाविद्यालयों की छात्राओं के भी केन्द्र बदले गये हैं।
– सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा कराये जाने हेतु विश्वविद्यालय में बनाये गये कन्ट्रोल रूम में गत वर्ष की अपेक्षा दोगुनी संख्या में एलसीडी की व्यवस्था की गई है। नियन्त्रण कक्ष में प्रभारी और सहायकगण की समय- समय पर कुलपति अथवा कुलसचिव के निर्देश पर नियुक्त की जायेगी।
– बुन्देलखण्ड के दोनों मण्डलों के सातों जनपद में राजकीय/अनुदानित महाविद्यालयों को नोडल महाविद्यालय बनाकर उनके प्राचार्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उक्त जिले में विश्वविद्यालय की सभी व्यवस्थायें नोडल अधिकारी के पर्यवेक्षण में होंगी।
– परीक्षा केन्द्रों के प्राचार्य, केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष व परीक्षा में लगे अन्य शिक्षक या कर्मचारी को अपना मोबाइल परीक्षाकाल में निर्बाध रूप से चलाने हेतु निर्देशित किया गया है।
– किसी भी महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति से सम्बन्धित किसी भी व्यक्ति का महाविद्यालय अथवा परीक्षा केन्द्र की 200 मीटर की दूरी तक प्रवेश वर्जित रहेगा।
– किसी भी प्रकार के कदाचार अथवा नकल कराने में महाविद्यालय और उसके प्रबन्ध
तंत्र की संलिप्तता पाये जाने पर सम्बन्धित महाविद्यालय की विश्वविद्यालय से सम्बद्धता समाप्ति की प्रक्रिया स्वतः प्रारम्भ कर दी जायेगी।
– महाविद्यालयों से कहा गया है कि वे अपने महाविद्यालय या परीक्षा केन्द्र पर उन्हीं कक्षों में परीक्षा सम्पन्न करवाएं जहां सीसीटीवी कैमरे तथा समुचित प्रकाश उपलब्ध हो। सम्पूर्ण परीक्षा काल के दौरान अबाध विद्युत आपूर्ति हेतु जेनरेटर की व्यवस्था की जाए।
– इस वर्ष विश्वविद्यालय परीक्षाएं तीन के बजाय मात्र दो पालियों में प्रातः 8 से11 बजे तक तथा अपराह्न 2 से 5 बजे तक दो पालियों में ही होंगी।
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