गोटेगांव। बिजली विभाग के मेंटेनेंस विभाग की उदासीनता के कारण अनेक जगह पर बिजली के तार काफी नीचे झूल रहे हैं। गांवों तक बिजली के खंभे तो लगे हैं लेकिन उनके तारों की दशा निरंतर खराब होती जा रही है। इन खम्भों में तार इतने नीचे लटके हुए हैं कि उनसे हादसे की संभावना बनी रहती है। वहीं कई जगह पर खम्भे तक तिरछे हो चुके हैं। उनको सीधा करने के लिए विभाग के पास कर्मचारी नहीं हैं।
बिजली विभाग के पास लाइनों का मेंटेनेंस करने वाला जो अमला मौजूद था, उसमें कमी आ गई है। वर्तमान में अधिकांश कार्य निजी ठेकेदारों के माध्यम से होने के कारण ऐसे हालात निर्मित हुए हैं। इसके कारण जिस गति से लाइनों का रख-रखाव अभी तक होता था, वह अब नहीं हो रहा है और हर गांव से बिजली तारों को लेकर शिकायतें आती रहती हैं लेकिन उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है। तार टूटने के बाद कई दिनों तक गांव में ऐसे तार पड़े रहते हैं। कुछ गांव के लोग नीचे लटके तारों से बचने के लिए लकड़ी के खम्भे खड़े कर उनको ऊपर किए हुए हैं।
घरों पर झूल रहे
बिजली विभाग के कर्मचारी खम्भे लगाते समय तारों को खींच देते हैं। उस समय वे यह भी नहीं देखते हैं कि इन तारों के नीचे किसकी
जमीन है। यहां तक की उससे स्वीकृति भी नहीं ली जाती है और खम्भों पर तार खींच देते हैं। जब उस जमीन पर मकान तैयार किया जाता है तो तार मकान को छूते नजर आते हैं। इसके चलते हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।