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झांसी

‘दिमाग में मनी, कुंडली में शनि और जीवन में दुश्मनी हो तो जिंदगी में हर मोड़ पर खतरा’

‘दिमाग में मनी, कुंडली में शनि और जीवन में दुश्मनी हो तो जिंदगी में हर मोड़ पर खतरा’

झांसीSep 09, 2018 / 11:06 pm

BK Gupta

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‘दिमाग में मनी, कुंडली में शनि और जीवन में दुश्मनी हो तो जिंदगी में हर मोड़ पर खतरा’

झांसी। जैन महिला संत आर्यिका पूर्णमति माता ने कहा कि जिसके जीवन में अहंकार है वह संसार में ही कर्मों की कार लेकर भटकता रहता है। गुरू ही प्रभु तक पहुंचाते हैं। इसलिये राग ही करना है तो उनसे करो जो वीतरागी हैं। वीतरागियों से राग करने पर तुम्हारे भीतर के परिणामों का परिवर्तन हो जायेगा। दिमाग में मनी, कुंडली में शनि, और जीवन में दुश्मनी हो तो हर मोड़ पर जीवन में खतरा बना रहता है। इसलिये आचरण में नैतिकता लाओ। जीवन में नैतिकता से ही आध्यात्मिकता बढ़ेगी। वह यहां जैन तीर्थ करगुवां में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ज्ञानी की नजर में सब ज्ञानी और लोभी की नजर में सब लोभी नजर आते हैं। हम जैसा सोचते हैं उसका प्रभाव सामने वाले पर पड़े न पड़े परन्तु स्वयं के ऊपर अवश्य पड़ता है।
सद्गुरु की शरण में पहुंचो

आर्यिका माता ने कहा कि क ख ग घ पढ़ लिया तो अपने आपको पढ़ा लिखा समझने लगे, लेकिन लगता है संसार में अधिकांश लोग कमाना, खाना, गंवाना और घूमना ही सीखे हैं। इन चारों शब्दों के विश्लेषण से तो यही समझ आता है इसलिये सबके सब भटक रहे हैं। जब तक सदगुरू की शरण नहीं ली है तब तक इसी तरह भटकते रहोगे इसलिये सदगुरू की शरण में पहुंचो। यदि जीवन में गुरू है तो सब कुछ ठीक हो जायेगा। सोच सही बनाओ तो मार्ग सही हो जायेगा।
गुरु संसार के सर्वोत्तम केवट

आर्यिका माता ने कहा कि सदगुरू एक ऐसा शाश्वत अस्तित्व है जो मनुष्य जीवन की हर परिस्थिति में प्रति क्षण उसके साथ है। उसकी रक्षा करता है। उसे सही राह दिखाता है। गुरू संसार के सर्वोत्तम केवट हैं। जो भी गुरू रूपी भवतरण नौका में सवार हो जाता है, वह समस्त दुखों व आपदाओं से छुटकारा पाकर संसार रूपी इस भवसागर से तर जाता है। इससे पूर्व दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप के अध्यक्ष आलोक जैन, मुकेश जैन ललितपुर विनीत कुमार दुबई के साथ शिवपुरी एवं जयपुर से आये पुण्यार्जक परिजनों ने आचार्य विद्यासागर के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर धर्मसभा का शुभारम्भ कराया। मंगलाचरण सौरभ जैन ने किया। संचालन संजय जैन कर्नल ने किया।
आत्म चिंतन शिविर 14 से

पर्वराज पर्यूषण के उपलक्ष्य में अतिशय क्षे़त्र करगुवां में आर्यिका पूर्णमति माता के पावन सानिध्य में 14 से 23 सितम्बर 2018 तक आत्म चिंतन शिविर आयोजित होगा। इस शिविर में लगभग 500 लोग भाग लेंगे। यह जानकारी देते हुये वर्षायोग समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि शिविर में सभी के लिये निशुल्क भोजन एवं आवास की व्यवस्था समिति द्वारा की जा रही है।

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