आशाएं स्वास्थ्य विभाग की मजबूत कड़ी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा ए के त्रिपाठी ने कहा आशाएं स्वास्थ्य विभाग की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं। सभी स्वास्थ्य सेवाओं को वह ज़मीनी स्तर से घर घर जाकर पूर्ण करती हैं। अब शहरी क्षेत्र में नयी आशाओं के पदों की स्वीकृति के बाद टीकाकरण और एनसीडी के सर्वे में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि झांसी में “बुलावा पर्ची” के माध्यम से टीकाकरण होता है। पर्ची में यह बताया जाता है शिशु का नाम, पता कौन सा टीका रह गया है और कौन से टीके आने वाले समय में लगवाने हैं। इस प्रकार पर्ची का एक हिस्सा अस्पताल के पास होता है और दूसरा हिस्सा आशा के पास। फिर वो घर घर जाकर टीकाकरण के लिए बुलावा देती है। आशाओं के पदों में वृद्धि होने से ये सेवाएं सुचारु रूप से चल पाएंगी।
शहरी आशा की भूमिका और उत्तरदायित्व आशा, शहरी आबादी के वंचित वर्गों विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों को समस्त प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी प्रदान करती है तथा समुदाय में स्वास्थ्य कर्मियों के मध्य संपर्क सूत्र का कार्य करती है।
इसके अतिरिक्त गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसव तैयारी, सुरक्षित प्रसव का महत्व, स्तनपान, सम्पूरक आहार, टीकाकरण के संबंध में महिलाओं को परामर्श देना।
गर्भवती महिला या बच्चे के उपचार हेतु नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सा इकाई पर साथ ले जाना या रेफर करना।
प्रशिक्षण पश्चात गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम के तहत जन्म से 42 दिन तक 6 से 7 बार गृह भ्रमण कर नवजात शिशु की देखभाल करना।
समुदाय को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी उपलब्ध कराना एवं प्राप्त करने में सहायता करना।
स्वास्थ्य सामग्री जैसे ओआरएस, आयरन की गोलियां, गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम एवं आकस्मिक गर्भ निरोधक गोलियां प्रदान करना।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं, स्वच्छता अभियान, टीबी रोग नियंत्रण, सामान्य रोगों जैसे दस्त, बुखार, हल्की चोटों के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने एवं जानकारी पहुंचाने हेतु।