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झांसी

ये है राष्ट्रीय सेवा योजना का इतिहास, उद्देश्य और कार्ययोजना

ये है राष्ट्रीय सेवा योजना का इतिहास, उद्देश्य और कार्ययोजना

झांसीAug 04, 2018 / 11:09 pm

BK Gupta

history, motto and working of nss

ये है राष्ट्रीय सेवा योजना का इतिहास, उद्देश्य और कार्ययोजना

झांसी। ‘राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य है, मैं नहीं आप, जिसके माध्यम से स्वयं सेवक प्रजातान्त्रिक ढंग से निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता का समर्थन करता है। हमें सभी मनुष्यों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए, ताकि मानवता की सेवा की जा सके।’ उपरोक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वितीय व इकाई पंचम के संयुक्त तत्वावधान में ललित कला विभाग में ‘राष्ट्र निर्माण में एन.एस. एस. की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश के राज्य सम्पर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी डा. अंशुमालि शर्मा ने व्यक्त किये।
एनएसएस करता है प्रोत्साहित

डा.शर्मा ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना देश का एकमात्र ऐसा संगठन है, जो सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से समाज कल्याण कार्यों को प्रोत्साहित करता है। यह संगठन विद्यार्थियों के लिए महात्मा गांधी व स्वामी विवेकानन्द के विचारों से अनुप्राणित हो सामाजिक कल्याण की भावना को विकसित करता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश के राज्य सम्पर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी डा. अंशुमालि शर्मा ने कहा कि 24 सितंबर 1969 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी से राष्ट्रीय सेवा योजना का कारवां प्रारम्भ हुआ है। वर्तमान में पूरे देश में 40 लाख से ज्यादा स्वयं सेवक सामुदायिक विकास के कार्यों में लगे हैं। उन्होंने स्वयं सेवकों को एन.एस.एस. के अखिल भारतीय स्वरूप, स्थापना के इतिहास, स्वयं सेवकों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों, पुरस्कार सहित उनके दायित्वों एवं कर्तव्यों आदि के विषय में भी विस्तार से अवगत कराया। साथ ही उनसे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
संगोष्ठी को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ परामर्शदाता डा. रवीन्द्र सिंह जादौन ने स्वयंसेवकों को जीवन कौशल प्रविधियों के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान देने के तरीकों से बताया। उन्होंने सोशल मीडिया के सतर्क प्रयोग, साइबर एक्ट, जे. जे. एक्ट, पाक्सो एक्ट के विषय में स्वयंसेवकों को विस्तार से जानकारी प्रदान की।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. सी. पी. पैन्यूली ने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि समाज की भलाई के लिए उनके द्वारा उठाया गया एक भी सकारात्मक कदम देश का रचनात्मक निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक अपने आसपास के क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं के प्रति आम जनमानस को जागरुक करें, ताकि लोग शासकीय योजनाओं से अधिकाधिक लाभान्वित हो सके।
ये लोग रहे उपस्थित

आमंत्रित अतिथियों का स्वागत इकाई द्वितीय कार्यक्रम अधिकारी डा. श्वेता पांडेय किया। उन्होंने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर समस्त अतिथियों का बैच लगाकर स्वागत डा. अजय कुमार गुप्ता, संस्कृति गिरवासिया, श्लोक दुबे, रामकिशोर आदि ने किया। संगोष्ठी का संचालन इकाई पंचम कार्यक्रम अधिकारी डा. मुहम्मद नईम ने किया। बाद में आभार डा. अजय कुमार गुप्ता ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डा. फुरकान मलिक, उमेश शुक्ला, डा. उमेश कुमार, जयराम कुटार सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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