झांसी शहर के हंसारी ग्वालटोली निवासी भूपेश पाल ने परिवार की सहमति से 30 जून, 2015 को एक गैर बिरादरी की युवती से अंतजार्तीय विवाह किया था। जिस कारण पाल बिरादरी के लोगों ने भूपेश और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया था। उन्हें क्षेत्र में आयोजित किसी भी तरह के कार्यक्रम में शामिल होने व खाने पर पर भी प्रतिबंध था। शादी के पांच साल बाद पूर्व बिरादरी में शामिल होने के लिए पाल समाज के लोगों ने एक खाप पंचायत बुलाई। इस पंचायत में तुगलकी परमान सुनाकर खाप पंचायत ने दंपत्ति को गोमूत्र पीने और गोबर खाने की शर्त पर बिरादरी में शामिल किए जाने की बात कही। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह बेतुका फरमान मानना है या नहीं इस पर दंपत्ति के निष्कर्ष के लिए शुक्रवार को एक बार फिर बैठक बुलाई गई थी जिसमें खाप पंचायक अपना अंतिम फैसला सुनाने वाला था। लेकिन इससे पहले ही भूपेश ने जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी और एसएसपी डॉ. प्रदीप कुमार के सामने अर्जी दाखिल कर दी।
फरमान सुनाने वालों के खिलाफ केस दर्ज इस बेतुके फरमान से पीड़ित दंपत्ति को बचाने के लिए जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी और एसएसपी डॉ. प्रदीप कुमार ने उनके घर सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट के भेज कर पूरे मामले की जानकारी मांगी। जिलाधिकारी ने बताया कि पीड़ित दंपत्ति को सुरक्षा प्रदान की गई है। साथ ही खाप पंचायत का फरमान सुनाने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।