सीएमओ ने जारी किए निर्देश
मुख्य चिकित्साधिकारी डा सुशील प्रकाश ने बताया कि जिले में मलेरिया से रोकथाम के लिए हर साल जून माह को मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मच्छर जनित व संक्रामक बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा सके। इसके लिए उन्होंने ब्लॉक स्तरीय सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पत्र द्वारा निर्देश दिया है कि इस माह को सफल बनाने में भरपूर सहयोग करें जिससे अधिक संख्या में लोग मच्छरों से बचने के लिए जागरूक हो सकें। वहीं उनसे होने वाली खतरनाक बीमारियों से भी बच सकें।
टीमों ने शुरू किया हर स्तर पर काम
जिला मलेरिया अधिकारी आर के गुप्ता ने बताया कि इस माह के दौरान जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों, तहसील, खंड विकास कार्यालय, ग्राम पंचायतों एवं भीड़-भाड़ इलाकों में पोस्टर एवं पम्पलेट्स व समूह चर्चा इत्यादि द्वारा लोगों को मलेरिया एवं अन्य संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ 40 टीमें जनपद सहित शहरी एवं ब्लॉकों के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गठित की गयी हैं। जो घर –घर जाकर पानी से भरे सभी पात्रों का निरीक्षण कर रही हैं। साथ ही लोगों को मलेरिया के लक्षण एवं बचाव के बारे में जागरूक कर रही हैं ताकि इस बीमारी से बचाव हो सके।
घरों में मच्छरों के लार्वा मिलने पर नोटिस
मलेरिया अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान 45 घरों के अंदर भरे पानी के पात्रों में लार्वा पाये गए हैं। इनको भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत नोटिस दिया गया है। इसके अलावा उन्हें यह भी बताया गया है कि वह यदि नोटिस की अवमानना करते हैं तो उनको दंडित भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में फीवर कैंप लगाकर बुखार से पीड़ित व्यक्तियों का टीम द्वारा स्लाइड बनाकर विभाग को भेजा जा रहा है। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम का सहयोग लिया जा रहा है। इस दौरान 6 लोग मलेरिया से ग्रसित पाये गए हैं। इनको तुरंत इलाज मुहैया कराया गया है। उन्होंने बताया कि मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीण स्तर पर पंचायतों की नगर पालिका के सहयोग से नियमित रूप से गांव एवं शहर के प्रत्येक मोहल्लों एवं गलियों में जाकर लार्वीसाइड स्प्रे का छिड़काव कर रही हैं। इसमें मच्छरों को शुरुआती स्टेज में ही खत्म करने पर ज़ोर दिया जाता है जिससे वह नालियों और ठहरे पानी में पनपने ही न पाएं।
मलेरिया को जानें-
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। तेज बुखार इसका प्रमुख लक्षण है लेकिन यह सामान्य बुखार से अलग होता है। मलेरिया में व्यक्ति को रोजाना या एक दिन छोड़कर बहुत तेज बुखार आता है। साथ ही व्यक्ति को कंपकंपी, सिर दर्द, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, जी मचलना, कमजोरी व थकान होना इत्यादि मलेरिया के लक्षण हैं।
मलेरिया से बचाव-
घरों के आसपास गंदगी न होने दें। यदि पानी जमा है तो साफ करें, नहीं तो कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग करें। पुराने रखे पानी को सप्ताह में एक बार बदलें। संभव न हो तो केरोसिन या अन्य दवाइयां डालें। गंदे नालों को ढक कर रखें। समय-समय पर उनकी सफाई करवाते रहें। घर में कहीं भी व्यर्थ पानी जमा न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। साथ ही पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।