इस योजना के तहत हो रहा काम बुंदेलखंड (BUNDELKHAND)से कामकाज की तलाश में बड़ी संख्या में श्रमिक शहरों की ओर पलायन करते हैं। इस पलायन को रोकने के लिए योगी सरकार (YOGI SARKAR)नया प्रयोग करने जा रही है। दरअसल, शासन द्वारा निर्माण कार्यों पर टैक्स के रूप में सेस (स्पेशल इन्फोर्समेंट सेक्शन) की वसूली की जाती है। इस धनराशि का उपयोग श्रमिकों को पेंशन, मुफ्त इलाज व बीमा आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। सरकार ने खानाबदोशों की तरह जीवन जीने को मजबूर श्रमिक परिवारों के बच्चों को अब शिक्षित करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए आवासीय विद्यालय खोलने की तैयारी है। इस संबंध में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुंदेलखंड विकास बोर्ड की बैठक हुई। इसमें आवासीय विद्यालय खोलने पर सहमति जता दी गई।
जमीन की तलाश शुरू बुंदेलखंड (BUNDELKHAND) में आवासीय विद्यालय खोलने को योगी सरकार (YOGI SARKAR) की हरी झंडी के मिलने के बाद जमीन की तलाश का काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी का कहना है कि बुंदेलखंड विकास बोर्ड की बैठक में श्रमिकों के बच्चों को शिक्षित करनेक लिए आवासीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव पारित हुआ है। बुंदेलखंड में दो विद्यालय खोले जाने हैं। शासनादेश प्राप्त होते ही विद्यालय के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश की दिशा में काम तेज होगा। इससे श्रमिक परिवारों के बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर आगे बढ़ सकेंगे।