scriptकौन हैं लॉ स्टूडेंट गुरलीन चावला जिन्होंने सूखे बुंदेलखंड में उगाई उम्मीद की ‘स्ट्रॉबेरी’, पीएम मोदी ने भी की तारीफ | PM Modi mentioned gurleen chawla strawberry festival in mann ki baat | Patrika News

कौन हैं लॉ स्टूडेंट गुरलीन चावला जिन्होंने सूखे बुंदेलखंड में उगाई उम्मीद की ‘स्ट्रॉबेरी’, पीएम मोदी ने भी की तारीफ

locationझांसीPublished: Jan 31, 2021 04:34:32 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी में चल रहे स्ट्रॉबेरी महोत्सव का किया जिक्र

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‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल झांसी में चल रहे स्ट्रॉबेरी महोस्तव का जिक्र किया, बल्कि गुरलीन चावला के प्रयासों की भी खूब सराहना की।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
झांसी. बुंदेलखंड का जिक्र आते ही जेहन में अलग-अलग तरह की तस्वीर कौंध जाती है। इतिहास प्रेमी इसे रानी लक्ष्मीबाई के नाम से जोड़कर देखते हैं तो कुछ लोगों को यहां की भयंकर गर्मी की याद आती है। बीहड़ के डाकू भी लोगों की यादों में जिंदा हैं। लेकिन, इन दिनों यहां कुछ बिल्कुल अलग हो रहा है, जो काफी उत्साहवर्धक है। इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, झांसी की एक बेटी गुरलीन चावला ने। लॉ की छात्रा गुरलीन ने यहां स्ट्रॉबेरी की खेती कर लोगों में नई उम्मीद जगाई है। रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल झांसी में चल रहे स्ट्रॉबेरी महोस्तव का जिक्र किया, बल्कि गुरलीन चावला के प्रयासों की भी खूब सराहना की।
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि झांसी में एक महीने तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल चल रहा है। फेस्टिवल के बारे में जिसने भी सुना उसे आश्चर्य हुआ कि स्ट्रॉबेरी और बुंदेलखंड में! लेकिन यह सच्चाई है। अब बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, जिसमें बड़ी भूमिका निभाई है झांसी की बेटी गुरलीन चावला ने। लॉ की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर यह विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है।
जो स्ट्रॉबेरी कभी पहाड़ों की पहचान थी, अब बुंदेलखंड की धरती पर भी हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल स्टेट होम कॉन्सेप्ट पर जोर देता है। फेस्टिवल के माध्यम से किसानों और नौजवानों को अपने घर के पीछे खाली पड़ी जगह पर या छत पर और टैरेस गार्डन में स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
लॉ स्टूडेंट गुरलीन चावला ने बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर सबको चौंका दिया। पुणे के एक प्रतिष्ठित लॉ कालेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही गुरलीन को लॉकडाउन के कारण अपने घर झांसी आना पड़ा था। स्ट्रॉबेरी की शौकीन गुरलीन ने अपने घर के गमलों में स्ट्राबेरी के कुछ पौधे लगाए। परिणाम देखकर गुरलीन ने प्रायोगिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। पिता के फॉर्म हाउस पर गुरलीन ने करीब डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में स्ट्रॉबेरी लगाई, जिससे उन्हें खासा मुनाफा हुआ। गुरलीन को देखकर अब कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर आकर्षित हुए हैं। और सरकार की स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल के जरिये किसानों को स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
रेडियो पार्टनर है एमएम तड़का
बुंदेलखंड के झांसी में इन दिनों स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल चल रहा है। फेस्टिवल का मकसद बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देना है। राजस्थान पत्रिका समूह का एफएम तड़का, स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल का रेडियो पार्टनर है। 17 जनवरी से शुरू हुआ यह महोत्सव 16 फरवरी तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोत्सव का शुभारम्भ किया था। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह महोत्सव बुंदेलखंड के बारे में देश-प्रदेश की धारणा बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।
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