इस तरह निकली शोभायात्रा शोभयात्रा का गांधी रोड स्थित पंचायती बड़ा मंदिर से प्रारम्भ हुई। यहां भगवान को रथ में विराजमान कराया गया। रथ के चारों ओर स्वधर्म इन्द्र, कुबेर, एवं चक्रवर्ती सम्राट भी सवार होकर चल रहे थे। जिन्हें विधान में बैठने का सौभाग्य मिला वे आगे-आगे बग्गी में स्वधर्म इन्द्र, इन्द्राणी सवार थे। बैंडबाजों की धार्मिक धुन पर थिरकते हुये जैन समाज के सैंकड़ों श्रद्धालु महिला, पुरुष एवं बच्चे धर्म प्रभावना करते हुये चल रहे थे। वहीं घोंड़ों पर सवार वीर बालक धर्म ध्वजा लहराते हुये धर्म प्रभावना करते निकले।
हवन में डालीं आहुतियां इससे पूर्व महामण्डल विधान के अंतिम दिवस आचार्य विद्यासागर सभागार में माताजी पूर्णमति के पावन सानिध्य में पूर्णाहुति पर हवन कराया गया। इसमें आहुतियां देकर श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना की। विधि विधान पूर्वक महामण्डल विधान सम्पन्न कराने पर ब्रहृमचारी आशीष एवं ब्रहृमचारी दीपक भैया सहित पुजारी स्वप्निल, उमेश बिट्टू एवं आशीष को वर्षायोग समिति द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर धर्मसभा में बोलते हुये आर्यिका पूर्णमति माता ने सभी से समय का सदुपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अनमोल है। मानव देह मिली है तो इस लोक और परलोक दोनों को सुधारने का मौका है, इसलिये सदैव पुरुषार्थ करें तथा अहिंसा मार्ग पर चलकर सदैव जीव हिंसा से दूर रहें।
ये लोग हुए शामिल शोभायात्रा में दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष प्रकाशचंद्र जैन, वर्षायोग समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन, सुमित कुमार जैन, राजीव सिर्स, डा जिनेन्द्र जैन, संजय कर्नल, आलोक जैन, पुष्पेन्द्र जैन, कमल शिवाजी, देवेश जैन केडी, संजय सिंघई, रवीन्द्र, अशोक रतनसेल्स, ऋषभ जैन, विनोद जैन, दिनेश जैन डीके, जितेन्द्र जैन तालबेहट आदि मौजूद रहे। बाद में सुभाष सत्यराज ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।