शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो 25 नवंबर को हुई वीडियो कांफ्रेंस में आदेश मिलने के दूसरे दिन 26 नवंबर से माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत लगे करीब 8 हजार व प्रारंभिक शिक्षा के करीब 3800 शिक्षक स्माइल 2.0 के तहत शिक्षण कार्य कराने में जुट गए हैं।
अंचल के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 80 फीसदी विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए एंड्रायड मोबाइल व इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं हैं। प्रारंभिक शिक्षा के अंतर्गत कक्षा एक से आठ तक 38 हजार 500 व माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत 12वीं तक अंतर्गत सवा लाख से ज्यादा विद्यार्थी नामांकित हैं।
शिक्षक विद्यार्थियों के घर पढ़ाने व होमवर्क कराने पहुंच रहे हैं या नहीं, इसका जिला शिक्षा अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (मा.) अमरसिंह पचार ने चौहानों की ढाणी, सूरजगढ़ समेत अनेक जगह निरीक्षण कर शिक्षकों व अभिभावकों से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करने की हिदायत दी।
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की आर्थिक स्थित कमजोर होने व एड्रायड मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप, कंप्यूटर नहीं होने की समस्या को पत्रिका ने उजागर किया था। इस संबंध में पत्रिका ने ‘इ-लर्निंग कैस: सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पास ना कंप्यूटर ना ही एंड्रायड मोबाइलÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
कुल शिक्षक (माध्यमिक): 8500
कुल शिक्षक (प्रारंभिक) : 3800
कुल स्कूल (माध्यमिक): 508
कुल स्कूल (प्रारंभिक) : 965
कुल नामांकन : करीब 168500 इनका कहना है….
वीसी में आदेश मिलने के दूसरे दिन ही शिक्षकों ने घर-घर जाकर स्माइल 2.0 के तहत विद्यार्थियों को होमवर्क व पढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया है। शिक्षकों को हिदायत दी गई है कि वे कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को होमवर्क करवाएं।
अमरसिंह पचार, जिला शिक्षा अधिकारी (मा.), झुंझुनूं
प्रारंभिक शिक्षा के 38 सौ शिक्षकों ने घर-घर जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाने व होमवर्क कराने का कार्य शुरू कर दिया है।
मनीषकुमार चाहर, एडीइओ (प्रा.), झुंझुनूं