चंवरा गांव की रविंद्र बाल स्कूल की कक्षा आठ में पढने वाले चार बालक छुट्टी के बाद इस तालाब में नहाने के लिए आए थे। चारों बालक नहाने के लिए पानी में उतर गए थे। उस दौरान सचिन नहाते समय बीच गहराई में फंस गया जिसको बचाने के लिए अब्बास भी उसकी तरफ आगे बढा। दोनों ही बालक एक दूसरे को पकडक़र खींचतान करते रहे। पानी की गहराई ज्यादा होने तथा दोनों को तैरने का ज्ञान नहीं होने के कारण वे दो बालक तालाब में डूब गए। उनको डूबते देखकर साथ वाले दोनों बालक घबरा गए जिसके बाद वे वहां से भागकर घर आए तथा परिजनों की घटना की जानकारी दी।
घटना के बाद स्थानीय तैराकों ने पानी में डूबे दोनों बालकों को ढुंढना शुरू किया। लेकिन तालाब में पत्थर पड़े होने के कारण वे काफी देर तक शवों को तलाश करते रहे। तलाश करने के करीब तीन घंटों बाद भी शवों के नहीं मिलने पर मोटरों से पानी बाहर निकालना शुरू किया गया। करीब पांच घंटे बाद की मशक्कत के बाद दोनों बालकों के शव पानी में पत्थर के नीचे फंसे मिले।
घटना की जानकारी मिलने के कुछ देर बाद ही गुढागौडज़ी पुलिस,नवलगढ डिप्टी सतपाल सिंह तथा एसडीएम राजेंद्र सिंह मौके पर पहुंच गए थे। पांच घंटे बाद जैसे ही दोनों ही बालकों के शव मिले तो परिजन व ग्रामीण शवों को लेकर धरने पर बैठ गए। सुरेश मीणा किशोरपुरा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक परिवार को उचित मुआवजा दिलाने,खदान को तारबंदी लगाकर बंद करवाने तथा खदान के संचालक के खिलाफ कानूनक कार्रवाई करने की मांग की है। समाचार भेजे जाने तक ग्रामीण धरने पर बैठे रहे।