झुंझुनू

ये होती है मां की असली ‘ममता’, लावारिस मिली बच्ची के लिए गरीब महिला ने उठाया बहुत बड़ा कदम

Jhunjhunu Child : वह नवजात लक्ष्मी उससे बिछडऩे लगी तो उसके लिए सुनीता की ममता फूट पड़ी। उसने उसे गोद लेने की इच्छा भी जता दी।

झुंझुनूMay 10, 2018 / 06:34 pm

vishwanath saini

झुंझुनूं. कहा जाता है कि जन्म देने से ज्यादा बड़ी पालने वाली होती है। इसलिए ही इतिहास में पन्नाधाय का नाम गौरव से लिया जाता है। करीब 27 दिन पहले बुहाना में मिली एक लावारिस नवजात के लिए सुनीता भी कोई पन्नाधाय से कम नहीं थी। उसने पन्द्रह दिनों तक अपने बच्चे से पहले इस नवजात को अपने आंचल से दूध पिलाकर उसे जिन्दा ही नहीं रखा बल्कि मानवता की एक मिसाल भी पेश की। जब वह नवजात लक्ष्मी उससे बिछडऩे लगी तो उसके लिए सुनीता की ममता फूट पड़ी। उसने उसे गोद लेने की इच्छा भी जता दी।

 

 

READ : इन महिला अफसरों से खौफ खाते हैं बड़े-बड़े राजनेता, गूंडे तो इन्हें देखते ही कांप उठते हैं, कोई दबंग तो कोई है लेडी सिंघम

 

 

करीब 27 दिन पहले बुहाना की मंदिर की सीढिय़ों पर एक अज्ञात नवजात बालिका मिली। जिसे लोगों ने झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में लाकर भर्ती करा दिया गया। जब चिकित्सकों ने उसका परीक्षण किया तो उसमें संक्रमण फैल गया। उस दवा के साथ-साथ मां के दूध की भी जरूरत थी।

ऐसे में अपने बेटे का उपचार कराने के लिए गाडिया लौहार सुनीता भी चिकित्सालय में मौजूद थी। उसे जब पता चला कि अबोध बालिका को दूध की जरूरत है तो वह उसे दूध पिलाने के लिए राजी हो गई। करीब पन्द्रह दिनों तक उसने अपने बेटे से पहले नवजात बालिका लक्ष्मी को दूध पिलाया। बच्ची को दूध पिलाते-पिलाते कब उससे दिल का रिश्ता जुड़ गया। यह उसे पता ही नहीं चला।

 

फूट-फूट रो पड़ी सुनीता

 

बालिका लक्ष्मी को शिशु बाल गृह ले जाने की बात सुनकर सुनीता भावुक हो गई। शिशु बाल गृह सदस्यों के सामने बच्ची को पालने की बात कही। नवजात को ले जाने से पहले सिर पर हाथ फेर कर काफी देर तक दुलार किया। अपने से दूर जाता देखकर फूट-फूटकर रो पड़ी।

 

बेटे से पहले लक्ष्मी की देखरेख


बीडीके अस्पताल के डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि तीन बच्चों की मां सुनीता बेटे से पहले नवजात लक्ष्मी कोदूध पिलाने के अलावा देखरेख में जुट गई। लक्ष्मी भी उसके स्पर्श से खुश हो जाती। मासूम के होठों पर हंसी देखकर सुनीता की खुशी का ठिकाना नहीं रहता।

धीरे-धीरे दोनों में भावात्मक संबंध बन गए। सुनीता उसका पति लक्ष्मी को बेटी मान चुके थे। डॉ. वीडी बाजिया के सामने गोद लेने की बात कही, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते ऐसा संभव नहीं हुआ। किसी भी बच्चे को गोद लेने वाले परिवार की आर्थिक स्थिति समेत कई बिन्दुओं की जांच की जाती है। ताकि बच्चे का भविष्य सुनहरा हो सके। सुनीता की मुफलीसी भी इस बच्ची को गोद लेने में आड़े आ गई।

Home / Jhunjhunu / ये होती है मां की असली ‘ममता’, लावारिस मिली बच्ची के लिए गरीब महिला ने उठाया बहुत बड़ा कदम

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.