1. प्रशिक्षण में किनको छूट का प्रावधान है
प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई पूरी कर बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने वालों को इंटर्नशिप से दूर रखा गया है। इसमें सरकार ने बीएड, बीटेक, एमबीबीएस, नर्सिंग, बीफार्मा सहित 20 अन्य डिग्री व डिप्लोमा कोर्स में शामिल किया जा रहा है। इनको तीन महीने का प्रशिक्षण नहीं लेना होगा।
2. विभाग प्रोफेशनल कोर्स वालों को भत्ते की राशि अब कैसे देगा
बेरोजगारों को आवेदन के समय प्रोफेशनल कोर्स की जानकारी देकर अंकतालिका लगानी होगी। ऐसे बेरोजगारों को सीधे भत्ते की राशि अलॉट की जाएगी।
3. अन्य डिग्री वालों को कौन कराएगा कोर्स
आरएसएलडीसी को विभिन्न कोर्स के हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा दिया गया है। वह स्नातक व स्नातकोत्तर के आधार पर अलग-अलग कोर्स तैयार करने में जुट गए है। इन कोर्स के जरिए बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे की भी योजना है, ताकि इनको रोजगार मिलने पर भत्ता बंद कर दूसरे बेरोजगारों को शामिल किया जा सके।
4. बेरोजगारों को प्रशिक्षण कहां मिलेगा
विभाग ने इसकी पूरी तरह घोषणा नहीं की है। लेकिन कौशल विकास केन्द्रों के अलावा अन्य विभाग में रोजाना चार घंटे प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है।
5. कोर्स पास करने पर ही मिलेगा क्या भत्ता
हां तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही प्रोफेशनल कोर्स को छोड़कर अन्य वर्ग के युवाओं को अब भत्ता मिल सकेगा। इसमें फेल होने पर अगला चांस मिलेगा या नहीं इसका नई गाइडलाइन में ही खुलासा होगा।
इंटर्नशिप क्यों जरूरी:
मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत सरकार ने अब तीन महीने की इंटर्नशिप का प्रावधान लागू किया है। इस वजह से फिलहाल युवाओं को भत्ता भी नहीं मिल रहा है। सरकार का मानना है कि बेरोजगारी भत्ते के जरिए युवा रोजगार से नहीं जुड़ पाता है। युवाओं को रोजगा से जोडऩे के लिए तीन महीने तक विभिन्न विभागों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। विभाग या कोर्स बेरोजगारों को आरएसएलडीसी की ओर से अलॉट किए जाएंगे।
हर साल 6 लाख दौड़ में
बेरोजगारी भत्ता हासिल करने के लिए छह लाख बेरोजगार दौड़ में है। इस योजना में अब तक 5.98 लाख बेरोजगारों ने आवेदन किए थे। इनमें से 2.60 लाख बेरोजगारों को भत्ता मिल चुका है।