विद्यालय के दो बैंड
विद्यालय प्राचार्य डा. कस्तूरी ने बताया कि विद्यालय में 1956 में एनसीसी बैण्ड की स्थापना की गई थी। उस समय से ही विद्यालय में आर्मी विंग का एनसीसी ब्रास बैण्ड है। बैण्ड में 6 0 छात्राएं प्रतिभागी के रूप में अलग अलग वाद्य यंत्र बजाती हैं। बैण्ड को मिली ख्याति से प्रभावित होकर इस वर्ष से विद्यालय में ब्रास बैण्ड के साथ साथ पाइप बैण्ड भी शुरू किया गया है। पाईप बैण्ड में भी 60 छात्राएं हैं।
बैण्ड की छात्राएं रहती है अव्वल
बैण्ड की बेहत्तर प्रस्तुति के लिए प्रतिभागी छात्राओं को प्रति दिन दो से तीन घंटे अभ्यास करना पड़ता है। प्रतिदिन दो से तीन घंटे बैण्ड के लिए समय निकालने के बाद पढाई के लिए समय कम मिलता है। मगर ऐसा नहीं है कि बैण्ड की छात्राएं पढाई में कमजोर रहती हैं । विद्यालय की बोर्ड परीक्षाओं में कक्षा दस एवं 12 में प्रति वर्ष बैण्ड टीम की छात्राएं ही अव्व्ल आ रही है। वहीं बैण्ड में शामिल होने वाली छात्राओं का अन्य छात्राओं की तुलना में भारतीय पुलिस सेवा, आर्मी आदि सेवाओं में भी ज्यादा चयन हो रहा है।
हमेशा रहता है प्रथम
पिलानी का बैण्ड अपनी खूबियों के चलते अपनी विशेष पहचान रखता ही है। देश भर में होने वाली प्रतियोगिताओं में भी पिलानी का बैण्ड नम्बर वन रहता है। पिछले कई वर्षों से पिलानी का बैण्ड अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है।