पुस्तकालय अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद सैनी ने बताया कि जिला पुस्तकालय की स्थापना 12 मार्च 1956 में हुई थी। उक्त पुस्तकालय मार्च 1998 तक किराए के भवन संचालित हुआ। बाद में 1998-99 में पुस्तकालय भवन का निर्माण राणी सती मंदिर ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से करवाया। वहीं 2017-18 में राजाराम मोहनराय पुस्तकालय प्रतिष्ठान, कोलकाता के आर्थिक सहयोग से करवाया गया।
246 पंजीकृत सदस्य: पुस्तके घर ले जाने के लिए पुस्तकालय का सदस्य बनना पड़ता है। वर्तमान में जिला पुस्तकालय में 246 पंजीकृत सदस्य हैं। नौकरी की तैयारी करने वाले ज्यादा हैं।
इसलिए मनाया जाता है पुस्तक दिवस
200 पुस्तकों से हुई शुरूआत
पुस्तकालयाध्यक्ष सैनी ने बताया कि शुरूआत में पुस्तकालय में 200 पुस्तके थी। इसके बाद धीरे-धीरे पुस्तके आती रही। वर्तमान में 49254 पुस्तके पुस्तकालय में उपलब्ध है। जिसमें सामान्य ज्ञान, करंट नॉलेज, भारतीय संस्कृति, धर्म-दर्शन, ङ्क्षहदी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, ऊर्दू साहित्य, महापुरुषों की जीवनियां, इतिहास, भूगोल समेत अनेक पुस्तके उपलब्ध है।