संतुष्टि के लिए परीक्षा भी केंद्रीय बोर्ड ने बच्चों की मानसिक स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए परीक्षा का ऑप्शन भी रखा है। बोर्ड द्वारा जारी पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई विद्यार्थी परिणामों से संतुष्ट नहीं हो तो वह आगामी परीक्षा में शामिल हो सकता है। उसे परीक्षा परिणाम के आधार पर अंक दिए जा सकेंगे। ऐसे विद्यार्थी को आगामी कक्षा में पढ़ाई का अवसर भी मिल सकेगा।
3 महीने ही हुई पढ़ाई
ऐसा पहली बार हुआ है जब मात्र 3 महीने की पढ़ाई पर ही दसवीं बोर्ड के परिणाम जारी होंगे। राजस्थान में सरकार ने 18 जनवरी 2021 को बोर्ड कक्षायें लगाने की अनुमति दी थी और 18 अप्रैल को फिर बंद कर दी गई। इस तरह बच्चों की मात्र 90 दिन की पढ़ाई ही हो पाई।
यूं होगी अंको की गणित दसवीं बोर्ड परीक्षा में हर विषय के पूर्व में निर्धारित 100 अंक होंगे। इसमें 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। 10 अंक पहले क्लास टेस्ट, 30 अंक दूसरा टेस्ट या अद्र्ध वार्षिक परीक्षा और 40 अंक प्री बोर्ड परीक्षा को आधार बनाकर तय किए जाएंगे।
स्कूल रिकार्ड भी रखेगा मायने
इस साल दसवीं का परिणाम तैयार करने में संबंधित स्कूल का रिकॉर्ड भी खास अहमियत रखेगा। बोर्ड ने पिछले तीन साल के परिणामों को आधार बनाया है। इस सत्र में पिछले 3 सालों से ऊपर परिणाम नहीं हो सकेगा।
झुंझुनूं जिला एक नजर दसवीं बोर्ड विद्यार्थी :25000+
केन्द्रीय बोर्ड स्कूल : 75 गत परीक्षा में केंद्र : 13
अब संभावित केंद्र : 20+