गांव की सीमा पर स्थित बाबा नत्थूराम की कुटियां पर सालाना करीब तीन सौ क्विंटल अनाज पक्षियों को डाला जाता है। जिसमें ग्रामीणों का पूरा सहयोग रहता है। कंवरपुरा गांव के युवा मकर संक्रांति पर घर-घर जाकर अनाज, घी एकत्र करते हैं। घी को मंदिर में ज्योत में काम में लिया जाता है। गांव से हर साल करीब 30-35 क्विंटल अनाज, 20-25 किलो देशी घी एकत्र होता है।
पक्षियों के चुग्गे में बख्तावरपुरा, विजयपुरा के लोग भी सालाना अनाज पहुंचाते हैं। वहीं मुगी फार्म संचालक भी इच्छानुसार हर साल अनाज भेंट करते हैं। ग्रामीण किसान फसल निकलने पर मन मुताबिक अनाज देते हैं। जिसे रखने के लिए मंदिर में गोदाम बना है।
कंवरपुरा-विजयपुरा व बख्तावरपुरा की सीमा पर बाबा नत्थूराम का मंदिर करीब नौ दशक पुराना बताया जा रहा है। किवदंतियों के अनुसार यहां बाबा नत्थूराम दुर्गा मैया की भक्ति में लीन रहते थे। करीब नौ दशक पहले बाबा ने जीवत समाधी ली थी। तब से मंदिर में हर साल बाबा की पुण्यतिथि मनाई जाती है। जिसमें भजन-भाव, यज्ञ होता है। महंत सीताराम आठ-दस साल से मंदिर में रहते हंै।
पक्षियों के लिए हर साल अनाज एकत्र किया जाता है। ऐसा करीब 10-12 साल से किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीण पूरा सहयोग देते हैं।
कपिल कटेवा कासी, पंच, कंवरपुरा
रोज करीब हजारों पक्षी चुग्गे के लिए आते हैं। जिसके लिए ग्रामीण पूरा सहयोग देते हैं। ऐसा लंबे समय से चलता आ रहा है।
कै.रामपत कटेवा, ग्रामीण
मकर संक्रांति पर घर-घर जाकर अनाज एकत्र किया जाता है। गत वर्ष करीब 30 क्विंटल अनाज एकत्र किया गया था। इस साल भी अनाज एकत्र करेंगे।
धर्मपाल सिंह, ग्रामीण
मंदिर में पक्षियों के लिए ग्रामीण हर साल अनाज एकत्र करते हैं। किसान व मुर्गी फार्म संचालक भी अनाज भेंट करते हैं। रोज करीब एक क्विंटल अनाज डाला जाता है।
संजीव कटेवा, ग्रामीण