पांच बीघा जमीन पर कर रहे प्रयोग पिछली बार बोए गए कपास को बिना उखाड़े लगातार दूसरी बार उत्पादन के लिए पांच बीघा में प्रयोग किया गया। सुनील भूरिया बताते हैं कि उन्होंने 11 अप्रेल 2020 को पांच बीघा जमीन में कपास पैदा किया। इसके बाद कपास के पौधों को उखाडऩे की बजाए जमीन से कुछ ऊंचाई तक ऊपर से काट कर फंगस नहीं लगे, इसके लिए स्प्रे कर दिया। इससे कपास पर सर्दी का असर भी नहीं पड़ा और मार्च में पौधों में फुटान शुरू हो गया। अब कपास में पिछले साल बुआई की तुलना में ज्यादा फुटान हुई और फूल निकल आए हैं। सामान्य तौर पर कपास की बुवाई जून माह में होती है। फूल अक्टूबर/नवम्बर में आते हैं।
पांच बीघा में 18 क्विंटल उत्पादन
पिछली बार पांच बीघा में 18 क्विंटल उत्पादन किया गया। इस बार पिछली बार की बजाए ज्यादा फुटान हुई है। जिसके चलते उम्मीद जताई जा रही है कि बेहतर उत्पादन होगा। हालांकि कपास को लेकर पहला प्रयोग हुआ है। इसलिए इस पर रिसर्च की जरूरत है कि यह किसानों के हित में रहता है या नहीं।
इनका कहना है….
किसान का यह प्रयोग अच्छा है। परंतु इस प्रयोग को एटीसी या केवीके आबूसर में रिसर्च के बाद ही अन्य किसानों को इस कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है। कम से कम दो साल रिसर्च के बाद पता चलेगा कि क्या उत्पादन होता है।