झुंझुनूं कोर्ट में चालान पेश करने के महज बीस दिन के अन्दर फैसला सुनाने का प्रदेश का पहला मामला है। फैसला आने पर पीडि़ता के परिजनों ने खुशी जाहिर की है। पुलिस ने भी जघन्य अपराध मानते हुए सक्रियता दिखाते हुए घटना के दस दिन के अन्दर न्यायालय में चालान पेश किया था।
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अपराध बोध के चलते सजा सुनाने के बाद सिर शर्म से झुका लिया। घटनाक्रम के अनुसार दो अगस्त को मलसीसर के पास डाबडी धीर में फेरी लगाकर बर्तन बेचने वाले विनोद बंजारा ननिहाल आई तीन साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर भाग गया। पुलिस को सूचना मिलने पर सीओ सिटी ममता सारस्वत, ग्रामीण सीओ चांदमल ने पुलिस की विशेष टीम का गठन किया था।
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मलसीसर एसएचओ सुनील कुमार की छुट्टी निरस्त कर वापस बुला लिया गया था। मामले को लेकर पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले फेरी लगाकर बर्तन बेचने वालों का पता लगाया। फरड़ा की ढाणी निवासी मनमोहन की मदद से तीन अगस्त को चिड़ावा में विनोद को पकड़ा। थाने लाकर पूछताछ करने पर अपराध स्वीकारा।
पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया। मोटरसाइकिल के अलावा वारदात में प्रयुक्त कपड़े बरामद किए। जांच अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ केस डायरी तैयार कर सात दिन के अन्दर चालान पेश कर दिया। सरकार की ओर से लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह ने पैरवी की।
शर्म से झुकी नजरें, घर पर ताला लटका
मौत का फैसला सुनने के बाद मासूम के दुष्कर्मी की नजरे शर्म से झुक गई। जब उसे न्यायालय से बाहर लाया गया तो उसने किसी से भी नजरें नहीं मिलाई। एक बारगी तो शर्ट से चेहरा भी छिपाने का प्रयास किया।बाद में भारी कदमों से कोर्ट परिसर में बने अस्थाई बैरिक में पहुंच गया।आरोपित को सजा की जानकारी मिलने पर न्यायालय के बाहर लोगों की भीड़ एकत्रहो गई। फैसले के बाद आरोपित का परिवार चिड़ावा स्थित किराए के घर पर नहीं मिला। वहीं इस फैसले पर पीडि़त बालिका के परिजनों व लोगों ने खुशी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि इस फैसले से अपराधियों में भय पैदा होगा।
-एफआईआर- दो अगस्त रात सवा सात बजे
-अनुसंधान पूर्ण -नौ दिन
-आरोप पत्रपेश-13 अगस्त
-ट्रायल शुरू-16 अगस्त
-गवाह 19
-दस्तावेजी साक्ष्य 35
-निर्णय-31 अगस्त