प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण
उन्होंने गांव में एक करोड़ 26 लाख की लागत में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का लोकार्पण किया। बाद में गांव के राजकीय प्रावि में लोकार्पण समारोह हुआ। जिसमें राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य समाज में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही। राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि गांव के विकास में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं होना चाहिए। आपस में मिलकर गांव का विकास करें। उन्होंने प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना लागू किए जाने पर कांग्रेस सरकार के प्रयासों की सराहना भी की। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की, उस समय प्रदेश में भी भाजपा की सरकार थी। मगर प्रदेश की भाजपा सरकार ने योजना को शुरू नहीं किया। लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने इस योजना को लागू किया। जिससे लाखों मरीजों को आयुष्मान भारत योजना एवं राज्य सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य योजना का फायदा मिल रहा है। उन्होंने मिलावटी खोरी को घातक बताया। कहा, हर क्षेत्र में मिलावट बढ़ रही है। खाद्य सामग्री में मिलावट के चलते कैंसर जैसी बीमारी बढ़ रही है। मिलावटी खोरी रोकने के लिए जल्द ही कानून लाया जाएगा। मिलावटी खोरों को सजा दी जाएगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया गया। खेतड़ी विधायक डॉ.जितेंद्रसिंह, पिलानी विधायक जेपी चंदेलिया, उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र गुढ़ा, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व राज्यमंत्री रणदीप धनखड़, पूर्व विधायक श्रवण कुमार, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, एसपी गौरव यादव, एडीएम राजेंद्रप्रसाद आदि मंचासीन थे। सरपंच ममता कटारिया ने आभार जताया। संचालन शारीरिक शिक्षक सत्यवीर झाझडिय़ा ने किया। इस मौके पर पूर्व एडीएम जीएल कटारिया, रामजीलाल धनखड़, सीएमएचओ डॉ.छोटेलाल गुर्जर, पूर्व प्रधान निहालसिंह रणवां, एसडीएम जेपी गौड़, कोच राजेंद्रपालसिंह, महेंद्र धनखड़, तहसीलदार ज्वालासहाय मीणा, डीएसपी आरपी शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी कैलाशसिंह कविया, राजकुमार डांगी, बीसीएमओ डॉ.संतकुमार जांगिड़, पीएचसी प्रभारी डॉ.पूनम झाझडिय़ा, रविंद्र भड़ौंदा, सुरेंद्र बेनीवाल, कुलदीप बुगालिया, महेंद्र काजला सहित अन्य मौजूद थे।
उन्होंने गांव में एक करोड़ 26 लाख की लागत में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का लोकार्पण किया। बाद में गांव के राजकीय प्रावि में लोकार्पण समारोह हुआ। जिसमें राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य समाज में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही। राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि गांव के विकास में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं होना चाहिए। आपस में मिलकर गांव का विकास करें। उन्होंने प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना लागू किए जाने पर कांग्रेस सरकार के प्रयासों की सराहना भी की। कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की, उस समय प्रदेश में भी भाजपा की सरकार थी। मगर प्रदेश की भाजपा सरकार ने योजना को शुरू नहीं किया। लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने इस योजना को लागू किया। जिससे लाखों मरीजों को आयुष्मान भारत योजना एवं राज्य सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य योजना का फायदा मिल रहा है। उन्होंने मिलावटी खोरी को घातक बताया। कहा, हर क्षेत्र में मिलावट बढ़ रही है। खाद्य सामग्री में मिलावट के चलते कैंसर जैसी बीमारी बढ़ रही है। मिलावटी खोरी रोकने के लिए जल्द ही कानून लाया जाएगा। मिलावटी खोरों को सजा दी जाएगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत किया गया। खेतड़ी विधायक डॉ.जितेंद्रसिंह, पिलानी विधायक जेपी चंदेलिया, उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र गुढ़ा, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व राज्यमंत्री रणदीप धनखड़, पूर्व विधायक श्रवण कुमार, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, एसपी गौरव यादव, एडीएम राजेंद्रप्रसाद आदि मंचासीन थे। सरपंच ममता कटारिया ने आभार जताया। संचालन शारीरिक शिक्षक सत्यवीर झाझडिय़ा ने किया। इस मौके पर पूर्व एडीएम जीएल कटारिया, रामजीलाल धनखड़, सीएमएचओ डॉ.छोटेलाल गुर्जर, पूर्व प्रधान निहालसिंह रणवां, एसडीएम जेपी गौड़, कोच राजेंद्रपालसिंह, महेंद्र धनखड़, तहसीलदार ज्वालासहाय मीणा, डीएसपी आरपी शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी कैलाशसिंह कविया, राजकुमार डांगी, बीसीएमओ डॉ.संतकुमार जांगिड़, पीएचसी प्रभारी डॉ.पूनम झाझडिय़ा, रविंद्र भड़ौंदा, सुरेंद्र बेनीवाल, कुलदीप बुगालिया, महेंद्र काजला सहित अन्य मौजूद थे।
सरकारी स्कूल पहुंचे, स्टाफ से मिले-
राज्यपाल धनखड़ पीएचसी लोकार्पण से पहले राजकीय उमावि पहुंचे। धनखड़ ने इस स्कूल से पांचवीं तक की पढ़ाई थी। उन्होंने स्टाफ सदस्यों से भी बातचीत की। वे स्कूल के उस कमरों की तरफ भी गए, जहां बैठ कर पढ़ाई की। बाद में समारोह में भी स्कूल की पढ़ाई का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पांचवीं तक की पढ़ाई गांव के इसी सरकारी स्कूल में पूरी की। जिसके बाद की पढ़ाई के लिए रोज चार किमी दूर घरड़ाना पैदल जाते थे।