जयपुर, अजमेर, पुष्कर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर व चूरू आगे का सपना
जैरी ने बताया कि उसके पिता राजेन्द्र सिंह फौजी हैं। दादा भी फौजी रह चुके। दोनों से प्रेरणा लेकर ही उसने साइकिल से संदेश देना शुरू किया है। इसी साल वह नवम्बर में कश्मीर से कन्याकुमारी का सफर साइकिल से तय करेगा। इसमें उसकी टीम भी साथ रहेगी। इसके अलावा उसका सपना बॉलीवुड में अभिनय करने का है।