नोहर में करना चाह रहा था हत्या
अक्षय के निशाने पर नोहर क्षेत्र के कई लोग थे।जिसकी वह हत्या करना चाह रहा था। अक्षय लगातार दुश्मनों की जानकारी भी जुटा रहा था। वह 10 फरवरी की रात को अपने साथी सुमित के साथ नोहर क्षेत्र में दुश्मन की हत्या करने के लिए उसके घर भी गया। मगर वह घर पर नहीं मिला, जिससे हत्या के मंसूबों में कामयाबी नहीं मिली।
लगातार बदल रहा था लोकेशन
शातिर अक्षय व उसका साथी सुमित लगातार लोकेशन बदल रहे थे। पुलिस की पकड़ में आने से बचने के लिए वह बिना सिम का मोबाइल काम में लेते। जिसे डोंगल की सहायता से ऑपरेट करते, जिससे की लोकेशन ट्रेस नहीं हो सके। वे वाट्सअप के माध्यम से गैंग से संपर्क रखते।
बहल में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या में शामिल
आरोपी अक्षय टांडी बहल (हरियाणा)में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या समेत अन्य वारदातों में शामिल रहा है। अक्षय की नोहर जेल में न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए जेल प्रहरी सुखदास स्वामी से बैरिक बदलने की बात को लेकर विवाद हो गया था। बाद में जेल में ही दोस्त सुदाम पठान के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से प्रहरी स्वामी की हत्या करवा दी थी। इसी प्रकार बहल में कुख्यात अपराधी अनिल ढाणी केहर व सोनू मिठ्ठी के साथ मिलकर प्रॉपटी डीलर कपिल शर्मा की हत्या में भी शामिल रहा।
छह साल पहले रखा अपराधी की दुनिया में कदम
अक्षय ने करीब छह साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा। उस समय अक्षय की उम्र करीब 17 साल थी। अक्षय के खिलाफ 18 सितंबर 2013 को भानीराम, चूरू में पोस्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इसी साल नोहर में आबकारी अधिनियम के तहत, 2015 में बहल में हत्या, 2016 में नोहर में जानलेवा हमले, 2019 में खुईया थाने में हत्या और जानलेवा हमले, 2019 में शिवदासपुरा, जयपुर ग्रामीण में पुलिस कस्टडी से फश्रार होने का मामला दर्ज हुआ। दूसरे आरोपी सुमित का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
अंबाला के चंद्रमोहन की है बाइक
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के पास से मिली बाइक भी चोरी की प्रतीत हो रही है। जांच में सामने आया है कि बाइक चंद्रमोहन निवासी अंबाला के नाम से रजिस्टर्ड है। आरोपियों ने बाइक के इंजन व चेसिस नंबरों को घीसकर मिटा रखा था।
यह थे पुलिस टीम में शामिल-
आरोपियों को पकडऩे वालीटीम में डीएसपी आरपी शर्मा, हैड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार, प्रताप कुमार, अमित कुमार, कांस्टेबल महेंद्र सिंह, महावीर, राजेंद्र कुमार, राकेश कुमार शािमल थे।
किरायेदारों की तस्दीक पर सवाल
शहर में अपराध बढ़ रहे हैं। हरियाणा सहित दूसरे जिलों के अपराधी शहर को अपनी शरणस्थली बना रहे हैं।पुलिस अधिकारियों ने निर्देश दिए थे कि हर किरायेदार की तस्दीक की जाएगी।लेकिन जिम्मेदार लापरवाह रहे। मंडावा मोड पर सबसे ज्यादा किरायेदार रहते हैं।विद्यार्थियों के बीच अपराधी भी यहां रह रहे हैं। इसके लिए मकान मालिक भी कम जिम्मेदार नहीं है।वे भी ज्यादा किराये के लालच में बिना जांच/पड़ताल किए अपराधियों को शरण दे रहे हैं।अगर मकान मालिक व पुलिस वाले किरायेदारों के आधार कार्ड सहित अन्य कागजातों की जानकारी जुटाकर रखते तो अक्षय टांडी जैसे कई आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो जाते।