बच्चों के शव देखकर हर किसी की आंखों में आंसू थे
मिट्टी में दबने से मौत हुई निशा, कृष्ण, प्रिंस के शव जब उनके घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। कृष्ण की मां संपत, प्रिंस की मां सुशीला बेटे का नाम से पुकार पुकार कर बेहोशी हो रही थी। परिजनों को रोरोकर बुरा हाल हो रहा था। मासूम बच्चों के शवों देखकर मौके पर मौजूद हर किसी के आंखों आंसू थे। जिसके बाद निशा, प्रिंस, कृष्ण तीनों बच्चों का चिराना के श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से सीआई भगवान सहाय मीणा, नवलगढ तहसीलदार कपिल कुमार, गिरदावर प्यारेलाल चावला, पटवारी सुनील मीणा, मोहम्मद असफाक भी मौजूद रहे है। इधर घटना के बाद डॉ. राजपाल शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा जिलामंत्री रामस्वरूप सैनी, मूलचंद सैनी पौंख, अरविंद जोया नवलगढ, राजकिशोर सैनी, नरेन्द्र सैनी, सुरेन्द्र सैनी, राजेन्द्र सैनी, सुभाष सुईवाल सहित कई लोग परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे। मौके पहुंचे टोडपुरा व बागोरिया की ढाणी पटवारी सुनील मीणा, मोहम्मद असफाक ने मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए मौका रिपोर्ट तैयार की।
मिट्टी में दबने से जिन तीन बच्चों की मौत हुई वे परिवार में सबसे छोटे थे। मृतक कृष्ण चार भाई बहिनों में सबसे छोटा था। मृतक प्रिंस भी दो भाइयों में सबसे छोटा था। इधर मृतक निशा भी तीन भाई बहिनों में सबसे छोटी थी। मृतक कृष्ण व प्रिंस के पिता सुरेश, महेश दोनो सगे भाई है। एक साथ ही एक ही मकान में रहते है। कृष्ण का पिता सुरेश मजदूरी करके अपने परिवार को पालन पोषण करता है। प्रिंस का पिता महेश बागोरिया की ढाणी में निजी स्कूल में पढाता है। मृतक निशा का पिता पूर्णमल सीकर सब्जी बेचकर अपने परिवार को पालन पोषण करता है। तीनों ही परिवारों की आर्थिक स्थिती कमजोर है।
मिट्टी में दबने से तीन मासूम बच्चों की मौत की घटना के बाद ऐसा घटना दुबारा किसी के साथ न हो। इसके लिए परिजनों को अपने छोटे बच्चों को ऐसी जगह खेलने से रोकना चाहिए, जहां उनको उनकी जान का खतरा हो।
बेहद दुखत घटना घटित हुई है। मिट्टी में दबने से तीन मासूम बच्चों की मौत हुई है। एक बच्चे का अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिसकी स्थिती अभी स्थिर बनी हुई है। मृत बच्चों के शवों का पोस्मार्टम करवाकर परिजनों सूपुर्द करके अंतिम संस्कार करवाया गया है। परिजनों की रिपोर्ट के आधार मामले की जांच की जाएगी।
-भगवान सहाय मीणा, सीआई उदयपुरवाटी।