जन्म मिले हिन्दुस्तान वतन मेरा हो
भागीरथ सिंह भाग्य ने चाल रे साथिड़ा आपा खेता में चाला…पेश कर खूब वाहवाही लूटी।
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नवलगढ़. शेखावाटी उत्सव के समापन पर रविवार रात को मोरारका फाउंडेशन के तत्वावधान में सूर्यमंडल में अखिल भारतीय विराट हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ मेरठकी कवियत्री शुभम त्यागी की सरस्वती वंदना मान करुं सम्मान करुं मां, चरणों में तेरे ध्यान धरुं मां… के साथ हुआ। इस मौके पर कवि राजेश शर्मा ने आने वाले समय में आधुनिकता का यही ऐसा टरेंड होगा, माता-पिता खुश होंगे कि हमारी बेटी का भी बॉयफ्रेंड होगा… भागीरथ सिंह भाग्य ने चाल रे साथिड़ा आपा खेता में चाला…पेश कर खूब वाहवाही लूटी। अजमेर के कवि लोकेश चारण ने परिवेश देश का कैसा विचित्र है, सभी जानते हैं किसका क्या चरित्र है, जिसे कुर्सीमिल गईवही पवित्र है, गंदा पानी भी फिर लगता इत्र है… रचना पेश की। भीलवाड़ा के संजीव सजल ने लडखड़़ाकर तू रुबरु आ गया, तूने जितना कमाया नशा खा गया, नालियों में गिरा इज्जत गई, चाट कुत्ता भगा तो मजा आ गया…, जयपुर के कवि अब्दुल गफ्फार ने जब भी जन्म मिले हिन्दुस्तान वतन मेरा हो, मरुं तो तिरंगा कफल मेरा हो…रचना पेशकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन के संयोजक कवि हरीश हिन्दुस्तानी ने वतन पर मर मिटने की जहां रहे सदा परिपाटी है, परमवीर विजेता पीरूसिंह की शेखावाटी है…रचना पेश की। कवि पवन पारस ने भी एक से बढ़कर एक रचनाएं पेश की।
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