scriptक्योंकि बेटियां खुद भाग्य लिखवाकर लाती हैं | lakshmi beti jhunjhunu | Patrika News
झुंझुनू

क्योंकि बेटियां खुद भाग्य लिखवाकर लाती हैं

सगे माता-पिता ने बेटी को जन्मलेते ही मरने के लिए फेंक दिया था। लेकिन यह बेटी अपना भाग्य खुद लिखवाकर लाई थी। उसके भाग्य में था अमरीका। कैसे पहुंची वह महाशक्ति के पास, किसने उसे बचाया, किसने उसकी मदद की। पढ़ीए पूरी कहानी।

झुंझुनूOct 06, 2021 / 09:54 am

Rajesh

क्योंकि बेटियां खुद भाग्य लिखवाकर लाती हैं

क्योंकि बेटियां खुद भाग्य लिखवाकर लाती हैं


पत्रिका एक्सक्लूसिव
राजेश शर्मा

झुंझुनूं. मां…पिताजी… आपकी मजबूरी थी… या सोचा समझा षडय़ंत्र…। मुझे नहीं मालूम…क्योंकि मेरी तो उस समय आंख भी नहीं खुली थी। मैंने आपको जीभरकर देखा भी नहीं था। आप ने तो मुझे जन्मते ही मरने के लिए फेंक दिया था। सिवाय रोने के मुझे उस समय कुछ भी नहीं आता था। लेकिन आप दोनों अब देख लो। शायद ऊपर वाले ने मुझे लम्बी उम्र दी थी। मैं मरी नहीं। जिंदा हूं। आज मैं उस देश में हूं जिसे पूरा विश्व महाशक्ति कहता है। हां, मां आपने बिल्कुल सहीं पढ़ा। महाशक्ति। मैं अमरीका में पल रही हूं। अब मैं आपको मेरी पूरी कहानी सुनाती हूूं।
झुंझुनूं जिले के बुहाना थाना क्षेत्र की बड़बर पंचायत के भवानीपुरा गांव के मंदिर के निकट मुझे 12 अप्रेल 2018 की काली रात को मरने के लिए पटक गए थे। मैं रात भर सुबकती रही। भूखी प्यासी। लेकिन भगवान शिव ने मेरी रक्षा की। तड़के पांच बजे मंदिर के पुजारी ने मेरी रोने की आवाज सुनी। पुलिस के बाद मैं अस्पताल पहुंची। कुछ दिन मैं राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल में रही। वहां मुझे नाम मिला लक्ष्मी। पुलिस व अस्पताल व कानूनी प्रक्रिया के बाद मुझे मिला बाल अधिकारिता विभाग का शिशु घर। यहां आने के बाद मुझे मानो नया जीवन मिल गया।
#lakshmi beti jhunjhunu
परिजनों को दिया एक और मौका

बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक प्रिया चौधरी ने बताया कि मासूम को हमने पहले सीकर के शिशु घर में रखा और फिर झुंझुनूं में। बालिका को गोद देने से पहले सार्वजनिक नोटिस के जरिए आपत्तियां मांगी गई। बड़ी होने पर बच्ची पर कोई दावा नहीं करे, इसके लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई। इसके बाद बालिका को गोद देने के लिए सरकारी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई। इसे अमरीका के एक परिवार ने पढ़ा और देखा। बच्ची को देखकर उनका दिल पसीजा। वे बच्ची को लेने सात समंदर दूर झुंझुनूं चले आए।
# lakshmi beti jhunjhunu
बच्ची के लिए माहौल बनाया
मासूम बच्ची अमरीका में जाकर अपने आप को असहज महसूस नहीं करे। इसके लिए परिवार के सदस्यों का एलबम, घर, माता-पिता व बच्चों के फोटो खेलने के लिए देते थे। ताकि मासूम को वहां जाने के बाद उसे सब कुछ देखा हुआ लगे। उसे अपनेपन का एहसास हो। इस मासूम को लेने के लिए अंग्रेज परिवार कई बार झुंझुनंू आया। बालिका से मिला और कानूनी प्रक्रिया अपनाई। सहायक निदेशक ने बताया कि बच्ची किसी गलत हाथों में नहीं चली जाए इसके लिए परिवार की पूरी पृष्ठभूमि की जानकार ली। उसके पुलिस रेकॉर्ड, आर्थिक हालत, परिवार के सदस्यों सहित पूरी जानकारी जुटाई गई। उसके बाद बेटी उनको गोद दे दी गई। आगे भी जब तब मासूम बालिग नहीं हो जाएगी अमरीका के इस परिवार को हर छह माह में अमरीका के वहां के स्थानीय कोर्ट व झुंझुनूं में संबंधित अधिकारियों को नियमित जानकारी देनी होगी।
lakshmi beti jhunjhunu
इनका कहना है
मासूम अमरीका के जिस परिवार में गई है उसे गोद लेने वाला पिता अमरीका में बड़ा इंजीनियर है। बेटी आलीशान बंगले में रहती है। उसके लिए झूले, खेलने की तमाम भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध हैं। हम हर छह माह में रिपोर्ट लेते हैं। वीडियोकॉल के माध्यम से बेटी के हाल जानते हैं। अब वह तीन साल से ज्यादा की हो गई है।
-प्रिया चौधरी, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग झुंझुनूं

एक नजर मेंं झुंझुनंूं

कुल साक्षरता दर 74.1
महिला साक्षरता दर 61.0
पुरूष साक्षरता दर 86.9
लिंगानुपात 950
(वर्ष 2011 की जनणगना के अनुसार)

Home / Jhunjhunu / क्योंकि बेटियां खुद भाग्य लिखवाकर लाती हैं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो