परिक्रमा क्षेत्र में आने वाली लोहार्गल, चिराना, नांगल आदि ग्राम पंचायतों ने परिक्रमा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। लोहार्गल क्षेत्र की साफ सफाई करवाई जा रही है। सरपंच घासीराम स्वामी ने बताया कि परिक्रमा को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। खाकी चौक से सूर्यकुण्ड तक जाने वाले रास्ते पर स्थित दुकानदारों को दुकान के सामने रास्ते में सामान नहीं रखने के लिए पाबंद कर दिया गया है। सूर्यकुण्ड से खाकी चौक तक सफाई व रोशनी व्यवस्था के लिए कर्मचारी जुटे हुए है। चिराना सरपंच प्रियंका सैनी ने बताया कि परिक्रमा के रास्ते की साफ सफाई की जा रही है। परिक्रमा रास्ते में आने वाले बबूल, झांडिय़ों की टहनियों कटाई की जा रही है। क्षतिग्रस्त रास्ते को फिर से दुरस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालु कोट बांध पर रात्रि में विश्राम करते हैं। कोट बांध पर शौचालयों व रोशनी नहीं होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशान का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में कोट बांध की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में रहने वाले डॉ. योगी जीवननाथ ने प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है कि कोट बांध पर रोशनी व शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। परिक्रमा की अगुवाई करने वाली ठाकुरजी की पालकी के साथ आने वाले सैकड़ों संत महात्मा कोट बांध में विश्राम करते है। बांध पर किसी प्रकार की सुविधा नहीं से काफी परेशानी होती है। उन्होंने कोट बांध पर रोशनी की व्यवस्था, चल शौचालय रखवाने, मेडिकल टीम और पुलिस की सुमिचत व्यवस्था करवाने की मांग की है।
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परिक्रमा के दौरान हर वर्ष हादसे होत हैं। इसके बाद भी प्रशासन ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया है। पिछले वर्ष भी सर्पदंश से एक जने की मौत हो गई थी। वही कोट बांध पर मधुमक्खियों के हमले में लोग घायल हुये थे। वही सीकर के लसाडिया बास के एक युवक की चिराणा किरोडी घाटी मे दिल का दोरा पडने से मौत हो गई थी। दो वर्ष पहले एक औरत की जहरीले जानवर के काटने से मौत हुई थी।