नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे छोटे थैले में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी। इफको नैनो यूरिया का उत्पादन जून 2021 से आरंभ हो गया है। शेखावाटी में यह मिलना शुरू हो गया है। जल्द ही सहकारी समितियों के अलावा निजी दुकानों पर भी मिलेगा। किसान इसे इफको के एप से ऑनलाइन घर भी मंगवा सकते हैं। चुनिंदा स्थानों पर होम डिलीवरी की सुविधा निशुल्क है।
इनका कहना है
भारत सरकार की ओर से अनुमोदित इस नैनो यूरिया का दो से चार मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर खड़ी फसल में छिड़काव करना चाहिए। अनाज, तिलहनी, सब्जी व कपास की फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार नैनो यूरिया का छिड़कावा करना चाहिए। एक एकड़ खेत के लिए प्रति छिड़काव लगभग 125 लीटर पानी की मात्रा पर्याप्त होती है। यह किसानों के लिए सस्ता भी है। उपज भी बढ़ाएगा। कट्टे वाला यूरिया छिड़कते समय आधा जमीन पर गिर जाता है। तरल वाला पत्तियों पर ज्यादा ठहरेगा।
-अजय गुप्ता,
मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक,इफको ,सीकर
इनका कहना है जिले की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नैनो यूरिया की बिक्री की जाएगी। आधा लीटर की बोतल 240 रुपए में मिलेगी। यह बोतल पचास किलो के यूरिया के एक कट्टे से ज्यादा असरकारक है। किसानों को इसका छिड़ावा करना चाहिए। यह विश्व की सबसे नई तकनीक है।
-भंवर सिंह बाजिया, एमडी, केन्द्रीय सहकारी बैंक झुंझुनूं