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झुंझुनू

अब कट्टे की बजाय बोतल में मिलेगा यूरिया, जानिए क्या है विशेषता

नैनो तकनीक से बने तरल यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल में होगी। यह बोतल कट्टे वाले यूरिया से सस्ती होगी। इफको यूरिया के एक कट्टे की कीमत वर्तमान में 266रुपए 50 पैसे है। जबकि आधा लीटर नैनो यूरिया की बोतल की कीमत 240 रुपए है।

झुंझुनूJul 17, 2021 / 04:21 pm

Rajesh

अब कट्टे की बजाय बोतल में मिलेगा यूरिया, जानिए क्या है विशेषता

अब कट्टे की बजाय बोतल में मिलेगा यूरिया, जानिए क्या है विशेषता


झुंझुनूं. इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड(इफको) का नैना यूरिया अब झुंझुनूं जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भी मिलेगा। इसके अनेक फायदे होंगे। जितनी ताकत पचास किलो के यूरिया के कट्टे में होती है उससे ज्यादा नैनो तकनीक से बने तरल यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल में होगी। यह बोतल कट्टे वाले यूरिया से सस्ती होगी। इफको यूरिया के एक कट्टे की कीमत वर्तमान में 266रुपए 50 पैसे है। जबकि आधा लीटर नैनो यूरिया की बोतल की कीमत 240 रुपए है।
इफको के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने लम्बे अनुसंधान के बाद नैनो यूरिया तरल को स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से कलोल स्थित नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में तैयार किया है। यह नवीन उत्पाद ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की दिशा में नया कदम है। रिसर्च के बाद इफको नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। जल्द ही पूरे भारत में कट्टे वाले दानेदार सफेद यूरिया की जगह अब तरल नैनो यूरिया ही काम आएगा।
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ले जाने में आसान
नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे छोटे थैले में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी। इफको नैनो यूरिया का उत्पादन जून 2021 से आरंभ हो गया है। शेखावाटी में यह मिलना शुरू हो गया है। जल्द ही सहकारी समितियों के अलावा निजी दुकानों पर भी मिलेगा। किसान इसे इफको के एप से ऑनलाइन घर भी मंगवा सकते हैं। चुनिंदा स्थानों पर होम डिलीवरी की सुविधा निशुल्क है।
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इनका कहना है
भारत सरकार की ओर से अनुमोदित इस नैनो यूरिया का दो से चार मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर खड़ी फसल में छिड़काव करना चाहिए। अनाज, तिलहनी, सब्जी व कपास की फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार नैनो यूरिया का छिड़कावा करना चाहिए। एक एकड़ खेत के लिए प्रति छिड़काव लगभग 125 लीटर पानी की मात्रा पर्याप्त होती है। यह किसानों के लिए सस्ता भी है। उपज भी बढ़ाएगा। कट्टे वाला यूरिया छिड़कते समय आधा जमीन पर गिर जाता है। तरल वाला पत्तियों पर ज्यादा ठहरेगा।
-अजय गुप्ता,
मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक,इफको ,सीकर

इनका कहना है

जिले की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों में नैनो यूरिया की बिक्री की जाएगी। आधा लीटर की बोतल 240 रुपए में मिलेगी। यह बोतल पचास किलो के यूरिया के एक कट्टे से ज्यादा असरकारक है। किसानों को इसका छिड़ावा करना चाहिए। यह विश्व की सबसे नई तकनीक है।
-भंवर सिंह बाजिया, एमडी, केन्द्रीय सहकारी बैंक झुंझुनूं

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