कोरोना काल में पर्यटन कारोबार पूरी तरह ठप हो गया था, अब धीरे-धीरे पर्यटक आने शुरू हुए हैं। इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ग्राम पर्यटन के रूप में नई पहल कर रहा है। इसमें पूरे राजस्थान से प्रत्येक जिले से ऐसे गांवों का चयन किया जा रहा है, जहां पर्यटन की संभावनाए हों तथा भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हों वहीं इन गांवों में हस्तशिल्प व लोककला के साथ प्राकृतिक स्थल हो ताकि पर्यटक उससे आकर्षित हो सकें। सीकर की सहायक निदेशक अनु शर्मा ने बताया कि गणेश्वर व शाकम्भरी में विकास की काफी जरूरत है। इसलिए दोनों गांवों के नाम जयपुर भेजे हैं।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोरोनाकाल के बाद लोग अब प्रकृति के बीच कुछ समय व्यतीत करना चाहते हैं। शहरों के प्रदूषण से दूर रहकर लोग एकांत में कुछ दिन परिवार के साथ बिताना चाहते हैं, ताकि तनाव मुक्त हो सके। इसको देखते हुए पर्यटन विभाग भी ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन की संभावना तलाश रहा है। ऐसे में पहले चरण मे गांवों का चयन किया जा रहा है। इसके बाद उन गांवों को प्रमोट किया जाएगा। गांवों में पर्यटक आने से स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बढ़ेगा।
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलसीसर व डूंडलोद गांव के नाम मुख्यालय भेजे गए हैं।
देवेंद्र चौधरी, सहायक निदेशक पर्यटन विभाग, झुंझुनूं