कहां कितने कर्मचारी
सीकर 70000
झुंझुनूं 40000
चूरू 12000
भारत में करीब 5 करोड़ ईपीएफओ कार्यालय झुंझुनूं के देवेन्द्र कुमार ने बताया कि ईडीएलआई स्कीम के तहत कर्मचारी की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर भी दावा किया जा सकता है। अगर किसी कर्मचारी की कोविड-19 की वजह से भी मौत होती है तो परिजनों को ईडीएलआई के तहत 7 लाख रुपए मिल सकते हैं। बशर्ते कि कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी की ओर से क्लेम के लिए कोई दावा किया जाए। इस योजना के तहत भुगतान एकमुश्त होता है। अगर किसी कर्मचारी का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर उसके कानूनी उत्तराधिकारी को ही यह क्लेम दिया जाता है। मौत से पहले एक साल या उससे ज्यादा समय के लिए कर्मचारी का कार्यरत होना बेहद जरूरी है।
यह दस्तावेज जरूरी
-कर्मचारी की मृत्यु का प्रमाण पत्र।
-उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (सक्सेशन सर्टिफिकेट)
-अवयस्क नामिती (माइनर नॉमिनी) की ओर से अभिभावक द्वारा दावा किए जाने पर अभिभाभवक प्रमाण पत्र (गार्जियनशिप सर्टिफिकेट)।
-बैंक खाते की जानकारी
-कर्मचारी के ईपीएफओ के यूएएन नंबर
एसे करें दावा क्लेम मौत के बाद नॉमिनी को दावा (क्लेम) के लिए फॉर्म-5 आईएफ जमा करना होगा, जिसे नियोक्ता (एंप्लॉयर) सत्यापित करता है। अगर नियोक्ता उपलब्ध नहीं है तो फिर राजपत्रित (गजटेड) अधिकारी, मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड द्वारा वैरीफाई किया जाएगा।
अगर पीएफ खाताधारक ने अपने यूएएन में नॉमिनी का नाम दिया है तो उसे फॉर्म 20, 10 डी और फॉर्म 5 जमा करना होगा। अगर लाभार्थी द्वारा यह भरा जाता है तो उसे ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होगा। अगर कर्मचारी ने यूएएन खाते में अपने नॉमिनी का नाम नहीं दिया है तो वह ऑनलाइन क्लेम नहीं कर सकता है। इसके लिए ऑफलाइन तरीके से पीएफ ऑफिस में नॉमिनी का नाम चढ़वाना होगा और ईपीएफओ द्वारा बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इस तरह से आप ऑफलाइन क्लेम कर सकते हैं। नॉमिनी द्वारा बीमा के लिए क्लेम करने पर उसे पूरे पैसे मिलेंगे।
इनका कहना है
ईपीएफओ के सदस्य की मौत होने पर पहले छह लाख रुपए मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब सात लाख रुपए कर दिया गया है। इसके लिए मान नगर स्थित ईपीएफओ के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।
-सुरेन्द्र कुमार, आयुक्त, ईपीएफओ, झुंझुनूं