केवीके में स्थापित किए गए क्रॉप म्यूजियम में रबी सीजन के तहत ४४ उन्नत किस्में लगाई गई हैं। शेखावाटी क्षेत्र की जलवायु व मृदा के अनुसार 11 किस्में गेहूं की लगाई गई हैं। जिसमें लंबाई, बौनी, अगेती व कुछ देरी से पकने वाली किस्में शामिल हैं। इसी तरह चने की किस्में लगाई गई हैं, जिसमें सामान्य चना, मोटे दाने वाला, काबुली, जौ की नौ किस्में हैं, जिनमें लंबी, बौनी, सिक्स रौ, टू रौ जैसी किस्में शामिल हैं। इसके अलावा सरसों की बात की जाए तो यहां पर छह किस्में लगाई हैं, इनमें अगेती बुआई, कम पानी वाली, पीली सरसों आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्याज की छह किस्में हैं जिसमें सफेद प्याज, लाल प्याज समेत अन्य किस्में शामिल हैं।
केवीके में विकसित किए गए क्रॉप म्यूजियम में अब तक बड़ी संख्या में शेखावाटी के किसान और कृषि से संबंधित पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी रबी सीजन के तहत लगाई गई बेहतर उत्पादन वाली किस्मों का अवलोकन कर चुके हैं।
केवीके आबूसर में क्रॉप म्यूजियम विकसित किया गया है। जिसमें फिलहाल रबी फसल के तहत गेहूं, जौ, चना, सरसों व प्याज की ४४ उन्नत किस्में लगाई हैं। यहां पर शेखावाटी से अब तक बड़ी संख्या में किसान व कृषि से संबंधित विद्यार्थी जानकारी के लिए आ रहे हैं।
डा. दयानंद, वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर, झुंझुनूं