आरोपी मंजू ने प्रेमी मानसिंह को नारनौल में कमरा किराए पर दिलाया। इसके बाद हर तीन-चार दिन में वह अपने प्रेमी से मिलने जाती थी। इसके बाद मानसिंह का मंजू के घर पर आना जाना होने लगा। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग का पता चलने पर ससुर भानाराम टोकने लगा और खर्चा देना भी बंद कर दिया। इससे खफा होकर मंजू ने मानसिंह के साथ मिलकर ससुर की हत्या का प्लान बनाया। योजना के अनुसार मानसिंह बिहार गया और वहां पर अपने सहयोगी जितेंद्र उर्फ विजेंद्र के माध्यम से दो शूटरों अमित कुमार व छोटू को देसी कट्टे के साथ भालोठ लेकर आ गया। दोनों शुटरों ने भानाराम की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मानसिंह अपने आप को सिद्धी प्राप्त तांत्रिक बताता है। वह वाराणासी के मनका घाट में तंत्र-मंत्र विद्या करता है और वहां पर अंतिम संस्कार के लिए आने वाली अधजली लाशों का मांस खाता है। लोगों को वह जमीन गड़ा हुआ धन निकालकर देने का दावा करके झांसे में लेता है।
मामले में गठित पुलिस टीम ने हरियाणा, यूपी, औरंगाबाद, बिहार में अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम में पचेरी कलां थानाधिकारी राजपाल यादव, सिंघाना थानाधिकारी कैलाश यादव, पचेरी कला थाने के एएसआई नरेश कुमार, साइबर सैल के हेड कांस्टेबल दिनेश, पचेरी कलां थाने के हेड कांस्टेबल शीशराम, कुलदीप, कांस्टेबल हंसराज, विक्रमसिंह, मनीष, बलकेश, दीपक, कृष्ण, अनिता व दीपा शामिल थे।