पत्रिका ने बताई थी पीड़ा
राजस्थान पत्रिका के तीन जून के ई पेपर व वेबसाइट पर ‘गायक पिता की मौत के बाद मां भी चल बसी, पिलानी के तीन बच्चों के सामने आया संकटÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर बच्चों की पीड़ा प्रकाशित की थी। इसे दोहा में मिश्रा ने पढ़कर सहायता राशि भेजी। उन्होंने बताया कि राजस्थान पत्रिका की वेबसाइट व ई पेपर वे नियमित पढ़ते हैं। पत्रिका समााजिक सरोकारों में हमेशा आगे रहता है।
कौन है विक्रम मिश्रा विक्रम मिश्रा पुत्र ओमप्रकाश मिश्रा मूलरूप से बिरमी(बिसाऊ) के पास दिलोही गांव के रहने वाले हैं। प्रारंभिक शिक्षा जेपी जानू स्कूल झुंझुनूं व आदर्श नगर बगड़ के रूंगटा स्कूल में हुई। मोतीलाल कॉलेज से स्नातक व उदयपुर से एमटेक किया। श्रेष्ट स्काउट के लिए उनको तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ शंकरदयाल शर्मा पुरस्कृत कर चुके। इसके अलावा राजस्थान सरकार उनको सर्वश्रेष्ठ युवा का पुरस्कार दे चुकी। मिश्रा अभी दोहा रहते हैं। वहां वे रेडी मिक्स कंक्रीट की कम्पनी में प्रबंध संचालक हैं।
अब राजस्थान सरकार भी देगी पांच लाख झुंझुनूं. कोरोना के कारण अपने माता-पिता खोने वाले बच्चों को केन्द्र सरकार के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी अनेक घोषणाएं की है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना शुरू की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो गई उनको इस योजना से राहत मिलेगी। इसके अलावा किसी के माता-पिता में से एक की पहले किसी भी कारण से मौत हुई हो, अब जो जीवित था उसकी भी कोरोना से मौत हो गई। उन बच्चों को भी इस योजना का पूरा लाभ मिलेगा। इनके अलावा ऐसे बच्चों को केन्द्र सरकार भी दस लाख रुपए देगी।
यह घोषणा बच्चों के लिए
-योजना के तहत ऐसे बच्चों को तत्काल एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
-बच्चों की उम्र 18 वर्ष होने तक प्रतिमाह 2500 रुपए की सहायता दी जाएगी।
-18 वर्ष पूर्ण होने पर ढाई लाख रुपए की सहायता।
-12 वीं तक निशुल्क शिक्षा आवासीय विद्यालय में।
-छात्रावासों में बालिकाओं को प्राथमिकता से प्रवेश।
-कॉलेज छात्रों के लिए अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ।
-बेरोजगारी भत्ता देने में प्राथमिकता।
-कोरोना में अपने पति को खोने वाली महिलाओं को एक लाख रुपए की सहायता तुरंत दी जाएगी।
-1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इसमें उम्र व वार्षिक आय का कोई बंधन नहीं रहेगा।
-बच्चों को एक हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।
-स्कूल की ड्रेस व पुस्तकों को वार्षिक दो हजार रुपए दिए जाएंगे।